चंडीगढ़, 5 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने वित्तीय प्रबंधन और भ्रष्टाचार को लेकर हरियाणा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। हाल ही में कैग ने वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कई अनियमितताएं उजागर की हैं। प्रदेश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। हजारों करोड़ रुपए ब्याज चुकाने में ही जा रहे हैं। एक तरफ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेश को कर्ज में डूबो रही है, वहीं दूसरी तरफ घोटालों और भ्रष्टाचार को अंजाम देकर जमकर लूट की जा रही है।
शनिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि मानसून सत्र में आई कैग रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। सरकार ने चीनी मिलों को नियम तोड़कर करोड़ों रुपए का कर्ज दिया। चीनी मिलों से पुराना कर्ज वसूलें बिना ही नया कर्ज नियमों को ताक पर रखकर दे दिया गया। प्रदेश में 87 बोर्ड-निगम और सरकारी कंपनियां वित्तीय लेखे जोखे का हिसाब-किताब ही नहीं दे रहीं हैं।
सरकारी कंपनियों के कुल 166 वार्षिक लेखे बकाया हैं। 75 मामलों में गैर-कानूनी तरीके से पैसे निकाले गए, लेकिन सरकार द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे हरियाणा में व्याप्त भ्रष्टाचार का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यह भी बड़े गंभीर सवाल खड़े करता है कि सरकार द्वारा आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे साफ प्रतीत होता है कि सरकार आरोपियों को बचाना चाहती है। सैलजा ने कहा कि कैग ने बताया है कि 2018-19 के दौरान 11 हजार 270 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा था। जो यह दर्शाता है कि राजस्व प्राप्तियां ख़र्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी।