दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 जून
हरियाणा के सरकारी रेस्ट हाउस में ठहरने का मजा अब दोगुणा हो जाएगा। यहां रुकने वाले लोग न केवल देसी खाने का स्वाद चख सकेंगे बल्कि उन्हें स्थानीय धरोहरों से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। सरकार ने तय किया है कि रेस्ट हाउस के कमरों, हॉल, डाइनिंग एरिया आदि में लगाए जाने वाले फोटो अब पक्षियों या फूलों के नहीं बल्कि स्थानीय शहरों की धरोहरों के होंगे।
हांसी स्थित पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) रेस्ट हाउस से इसकी शुरुआत हो गई है। पिछले दिनों ही डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने विभाग के अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए थे। हांसी में नया रेस्ट हाउस बना है और इसके कमरों में हांसी व हिसार शहर की ऐतिहासिक इमारतों व धरोहरों के फोटो लगाए गए हैं। बरसी गेट (हांसी), लाट की मस्जिद (हिसार), हांसी का अशीगढ़ फोर्ट, हांसी का 1835 का नक्शा और हांसी का चार कुतुब के फोटो यहां के गेस्ट हाउस में लगे हैं।
प्रदेश में कालका से लेकर होडल, डबवाली से लेकर कुंडली, लोहारू से लेकर बहादुरगढ़ तक कोई एेसा कस्बा या शहर नहीं है, जिसकी विरासत ना हो। कहीं धार्मिक स्थलों की वजह से एरिया की पहचान है तो कहीं की संस्कृति अपने आप में खास है। पानीपत की लड़ाई, कुरुक्षेत्र के महाभारत सहित पुराने राजा-महाराजाओं और संतों की वजह से हरियाणा की अपनी पहचान है। हर शहर की धरोहर आने वाले दिनों में राज्य के रेस्ट हाउसों में नजर आएंगी। यहां बता दें कि प्रदेश के सभी रेस्ट हाउस में सरकार ने ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू कर दी है। अभी तक इन रेस्ट हाउस में मंत्री, विधायक, सांसद, नेता, अफसर, न्यायिक अधिकारी और कुछ विशेष कैटेगरी के लोग ही रुक पाते थे। सरकार ने आम लोगों के लिए भी इन्हें ओपन कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन बुकिंग करवा कर रेस्ट हाउस में ठहर सकता है।
”प्रदेश के सभी रेस्ट हाउस में स्थानीय धरोहरों के फोटो लगाने के आदेश दिए हैं। आमतौर पर रेस्ट हाउस में पेंटिंग, पक्षियों या फूलों के फोटो लगाए जाते थे। जब हमारे पास इतनी समृद्ध विरासत है तो हम उसका क्यों ना इस्तेमाल करें। इसलिए स्थानीय शहरों की ऐतिहासिक इमारतों के फोटो ही रेस्ट हाउस में लगाने के आदेश दिए हैं। ”
-दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम