कुरुक्षेत्र, 31 अगस्त (हप्र)
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता केएन गोविंदाचार्य ने आयुष विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग द्वारा आयुर्वेद पर किये जा रहे शोध कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेद पर किये जा रहे शोध से देश की अन्य आयुर्वेदिक संस्थाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। आचार्य चरक ने चरक संहिता की रचना की है, जिसमें रोगों की चिकित्सा व स्वस्थ रहने के नियमों का उल्लेख है। अगर आयुर्वेदिक औषधियों पर निरंतर शोध किया जाए, तो निश्चित रूप से भारत आयुर्वेद में वैश्विक हब बनकर उभरेगा। गोविंदाचार्य ने ये बातें मंगलवार को आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध के लिए बनी रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के अवलोकन के दौरान कही।
विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने केएन गोविंदाचार्य का स्वागत किया और कुरुक्षेत्र दर्शन के लिए उनके साथ आए दर्शनार्थियों को औषधीय पौधे बांटे गए। इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक श्रीप्रकाश मिश्र, डीएन अशीष मेहता, सन्तराम, डॉ. सुरेंद्र विष्ठ और विकास शर्मा, अतुल गोयल, सुरेंद्र सहरावत, कर्नल एसएन शर्मा व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।