भिवानी, 7 मई (हप्र)
सरकार शहर में हरियाली बढ़ाने व ज्यादा पेड़-पौधे लगाकर ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के हर संभव प्रयास में जुटी है। आये दिनों पेड़-पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रेरित भी कर रही है, लेकिन अधिकारी इस तरह के अभियान में टांग खिंचाई करें तो सरकार का हरियाली बढ़ाने का सपना मुकाम पर पहुंचने से पहले बेदम हो जाएगा। ऐसा ही वाक्या इंडस्ट्रीयल एरिया की ग्रीन बेल्ट में देखने को मिल रहा है। औद्योगिक क्षेत्र की सड़काे को बनाने के बाद जो मलबा निकला, उसको ठेकेदार ने हुडा के हॉर्टिकल्चर के अधिकारियों से मिलीभगत करके ग्रीन बेल्ट में डाल दिया। सड़क से निकले कचरे से कुछ हरे पेड़ तो खत्म हो गये, इसके साथ ही पेड़-पौधे मुरझाने लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि सड़क से निकले मलबे को महीनों पहले ग्रीन बेल्ट में डाला गया था, जिसको आज तक नहीं उठाया गया है। ऐसे में वहां पर नाममात्र ही हरियाली बची है।
ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करवाया जायेगा : विधायक घनश्याम सर्राफ ने औद्योगिक क्षेत्र की ग्रीन बेल्ट का दौरा करने के बाद बताया कि जिस भी ठेकेदार ने ग्रीन बेल्ट में मलबा डलवाया है। उसको ब्लैक लिस्ट करवाकर उसकी पेमेंट रुकवाई जाएगी। साथ ही अगर हुडा के हॉर्टिकल्चर अधिकारियों की इसमें मिलीभगत मिली तो उनकी शिकायत सीएम मनोहर लाल के समक्ष की जाएगी।
शिकायत के बाद विधायक ने किया दौरा
औद्योगिक क्षेत्र के उद्योग संचालकों ने विधायक घनश्याम सर्राफ से ग्रीन बेल्ट में सड़क तोड़ने के बाद कचरा डालने की शिकायत की थी। उसके बाद विधायक ने ग्रीन बेल्ट का दौरा किया। उन्होंने उसी हुडा के हॉर्टिकल्चर अधिकारियों को भी फटकार लगाई।