गुरुग्राम में बारिश आने के बाद दिल्ली जयपुर हाईवे पर जलभ्ाराव के चलते लगा जाम और पानी के बीच से गुजरते लोग। -हप्र
गुरुग्राम, 28 जून (हप्र)
शुक्रवार को हुई बारिश ने एक बार फिर से प्रशासन के दावों को धो दिया। फिर से शहर पानी-पानी हो गया। शहरवासियों को जाम से जूझना पड़ा। वाहन चालक पानी के बीच से गुजरते नजर आए। गुरुवार-शुक्रवार की रात से सुबह 7 बजे तक हुई बारिश सबसे अधिक सोहना तहसील क्षेत्र में 82 एमएम हुई। इस बारिश में गुरुग्राम जलग्राम नजर आया। गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन में कई फुट पानी भर गया। कंपनियों से ड्यूटी करने वाले महिला, पुरुष कर्मचारी पानी में से निकलने को मजबूत हुए। बरसात के कारण सीवर भी ओवरफ्लो हो गए। कई गलियों में सीवरेज से निकला गंदा पानी भर गया। बारिश का पानी भरने से गुरुग्राम-सोहना पर रोड पर लंबा जाम लग गया। इस बारिश ने एक बार फिर से जिला प्रशासन, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और नगर निगम के जल निकासी के प्रबंधों की पोल खोली। मानसून आने से पहले बरसाती नालों की सफाई के पुख्ता दावे किए गए थे। कुछ जगहों पर नालों की सफाई की भी गई, लेकिन सभी नालों की सफाई नहीं हुई। मानसून के आने के समय से कुछ दिन पहले तो यहां नालों की सफाई शुरू की गई, जोकि पूरी नहीं हुई।
चारों तरफ हुआ यातायात जाम
जैसे ही दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जलभराव होते ही चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक स्थिति गंभीर रही। अंडरपास के पास ही वाहन खड़े हो गए। ट्रैफिक पुलिस जाम से निपटने में असमर्थ दिखाई दी। मुख्यमंत्री के बार-बार चेतावनी के बावजूद जिले के पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कहीं दिखाई नहीं दिए, जबकि सिविल प्रशासन के अधिकारी बैठक करते रहते हैं।
निगम का दावा : नगर निगम ने दावा किया कि सुबह से ही कर्मचारियों ने पर्याप्त मशीनरी, पंपसेट व अन्य संसाधनों के साथ फील्ड में मोर्चा संभाले रखा। जलनिकासी के लिए 12 जेसीबी, 12 सक्शन टैंकर, 61 ट्रैक्टर माउंटिड पंप, 25 डीजल इंजन सहित पर्याप्त संख्या में मैनपावर की तैनाती की गई है।
तालमेल बनाकर योजना बनाएं अधिकारी : कमिश्नर
गुरुग्राम में शुक्रवार को नगर निगम के कर्मचारी जलनिकासी के लिए प्रयास करते हुए। -हप्र
गुरुग्राम डिवीजन के कमिश्नर आरसी बिढान ने कहा है कि एमसीजी, जीएमडीए, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली वितरण निगम आदि इंजीनियरिंग विभागों के अधिकारी आपस में तालमेल कर भविष्य में जलभराव की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए कारगर योजनाएं तैयार करें। बरसात के मौसम में पानी निकासी की व्यवस्था बनी रहे। कमिश्नर बिढान आज अपने कैंप आफिस में इंजीनियरिंग विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
करोड़ों खर्चने के बावजूद नहीं सुधरे हालात : पंकज डावर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि गुरुग्राम में जल निकासी की व्यवस्था ठीक करने के लिए जनता के पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है। बावजूद इसके यहां की जनता को कोई सहूलियत नहीं मिल रही है। डावर ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जलभराव हो रहा है उन क्षेत्रों के अधिकारियों की जवाबदेही प्रशासन को तय करनी चाहिए। इसके अलावा जिन नालों व सीवरों की सफाई के लिए करोड़ों का टेंडर जारी किया गया वहां सफाई का कार्य किया भी गया या नहीं इसकी जांच अधिकारियों को करनी चाहिए। अगर क्षेत्र में पानी निकासी पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं तो निगम प्रशासन और जिला प्रशासन के पास वैकल्पिक व्यवस्थाएं क्या हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।