दिनेश भारद्वाज, ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 5 सितंबर
Haryana BJP Ticket: भाजपा नेतृत्व ने हरियाणा के प्रत्याशियों की पहली सूची में 67 नामों का ऐलान बुधवार को कर दिया। 23 हलकों के उम्मीदवारों का फैसला होना अभी बाकी है। भाजपा के सात मौजूदा विधायकों सहित कई दिग्गज नेताओं की सीट होल्ड पर हैं। इनमें नायब सरकार के दो मंत्री और दो पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। सिरसा जिले की तीन सीटों को हलोपा सुप्रीमो व सिरसा विधायक गोपाल कांडा की वजह से होल्ड किए जाने की खबरें हैं।
भाजपा ने जिन 23 विधानसभा क्षेत्रों की सूची अभी जारी नहीं की है, उनमें नारायणगढ़, पुंडरी, असंध, गन्नौर, राई, बरोदा, जुलाना, नरवाना, डबवाली, सिरसा, ऐलनाबाद, रोहतक, महेंद्रगढ़, नारनौल, बावल, पटौदी, नूंह, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, हथीन, होडल, फरीदाबाद एनआईटी व बड़खल शामिल हैं। हरियाणा में भाजपा के सबसे वरिष्ठतम नेताओं में शामिल पूर्व शिक्षा मंत्री व पार्टी अध्यक्ष रह चुके प्रो. रामबिलास शर्मा की सीट भी अभी होल्ड पर है।
रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ते रहे हैं। पार्टी ने अभी तक उनके नाम की घोषणा नहीं की है। इसी तरह पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर की सीट भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मनीष ग्रोवर 2014 में पहली बार रोहतक से विधायक बने और मनोहर सरकार में सहकारिता व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री रहे। नायब सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट पर भी अभी तक तलवार लटकी है। बनवारी लाल लगातार दो बार 2014 और 2019 में बावल से विधायक बने। बावल में भरत सिंह व एक अन्य नेता का नाम टिकट के लिए चर्चाओं में है।
नायब सरकार में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा के निर्वाचन क्षेत्र बड़खल पर भी भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी का फैसला नहीं किया है। उनकी सीट पर भी संकट के बादल छाये हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि सीमा त्रिखा को भाजपा की ही रेणु भाटिया से कड़ी चुनौती मिल रही है। पटौदी से भाजपा के मौजूदा विधायक सत्यप्रकाश जरावता की टिकट भी फाइनल नहीं है। उनके हलके में प्रत्याशी का फैसला नहीं हुआ है। यहां से पूर्व विधायक बिमला चौधरी के नाम की सिफारिश केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने की हुई है।
इसी तरह भाजपा नारनौल में किसी नये चेहरे पर दाव लगानी चाहती है। वहीं राव इंद्रजीत सिंह मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव को ही टिकट दिलवाने के पक्ष में हैं। ओपी यादव मनोहर सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। नारायणगढ़ से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ते रहे हैं। वे पहली बार 2014 में इसी सीट से विधायक बने थे। इस बार वे लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। कालका से पूर्व विधायक लतिका शर्मा की टिकट कई गई। उन्हें नारायणगढ़ शिफ्ट करने की भी चर्चाएं हैं। हालांकि यहां और भी दो नाम चर्चाओं में हैं।
सोनीपत की तीन सीट होल्ड पर
भाजपा ने सोनीपत जिला की तीन सीटों – गन्नौर, राई व बरोदा का होल्ड पर रखा है। आपस में इंटर-लिंक होने की वजह से इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। गन्नौर की मौजूदा विधायक निर्मल रानी की टिकट कटनी लगभग तय है। उनकी जगह मनोहर लाल के बेहद करीबियों में शामिल देवेंद्र कादियान टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
सोनीपत से पूर्व सांसद रमेश चंद्र कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक भी टिकट के जुगाड़ में हैं। दोनों के बीच गन्नौर में फाइट है। देवेंद्र कौशिक गन्नौर से टिकट कटने की सूरत में राई से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। यहां से पार्टी के पैनल में पूर्व मंत्री कृष्णा गहलोत का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। वहीं बरोदा में एक सेवारत आईजी की पत्नी का नाम पैनल में सबसे ऊपर बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि गन्नौर का फैसला होने पर ही राई व बरोदा के प्रत्याशियों के नाम फाइनल होंगे।
मेवात की तीनों सीटों पर असमंजस
नूंह (मेवात) जिला की तीनों सीटों पर भी बड़ा विवाद बना हुआ है। पार्टी इस बार पर मंथन कर रहा है कि मेव बाहुल्य इस बेल्ट में गैर-मुस्लिम पर दांव लगाया जाए या 2019 की तरह मुस्लिम चेहरों को ही आगे किया जाए। नूंह से जाकिर हुसैन टिकट के प्रबल दावेदार हैं। वहीं राव इंद्रजीत सिंह यहां से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य रहे ठाकुर सुरेंद्र ‘पिंटू’ का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। नूंह के उजीना गांव के रहने वाले पिंटू का नाम पैनल में भी है। इसी तरह पुन्हाना और फिरोजपुर-झिरका की सीटों पर दुविधा बनी हुई है।
कांडा की वजह से लटका सिरसा
भाजपा के दिल्ली से जुड़े सूत्रों की मानें तो सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा की वजह से सिरसा जिला की तीन सीटें पेंडिंग हैं। गोपाल कांडा की पार्टी – हलोपा अभी भी एनडीए में शामिल है। कांडा के साथ गठबंधन को लेकर भी बातचीत चली। यह अभी तक अधर में है। कांडा खुद सिरसा से लड़ेंगे। वहीं वे अपने छोटे भाई गोबिंद कांडा के लिए भी टिकट की मांग कर रहे हैं। गोबिंद कांडा ऐलानाबाद हलके का उपचुनाव भाजपा टिकट पर लड़ चुके हैं। वे अभी भी भाजपा में ही हैं।
वहीं गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को हलोपा टिकट से रानियां का प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। डबवाली से 2019 में पूर्व डिप्टी पीएम चौ. देवीलाल के पाेते आदित्य देवीलाल चौटाला ने भाजपा टिकट पर डबवाली से चुनाव लड़ा था। इस बार उनकी टिकट पर भी असमंजस है। वहीं ऐलनाबाद से भाजपा टिकट पर राजनीतिक रणनीतिकार मीनू बेनीवाल चुनाव लड़ सकते हैं। कांडा के साथ बातचीत सिरे चढ़ने के बाद ही तीनों सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान होगा।
फरीदाबाद की तीन सीटों पर नजर
फरीदाबाद पार्लियामेंट के अंतर्गत आने वाली नौ में से पांच सीटों – बल्लबगढ़, फरीदाबाद, पलवल, पृथला व तिगांव पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। चार सीटों – बड़खल, हथीन, होडल और एनआईटी अभी पेंडिंग हैं। बड़खल में सीमा त्रिखा, होडल में जगदीश नय्यर और हथीन में प्रवीन डागर भाजपा के सिटिंग विधायक हैं। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी को भी विधानसभा चुनाव लड़वाना चाहते हैं। वे एनआईटी और बड़खल सीट के इच्छुक हैं।
इन चार सीटों पर पशोपेश
हरियाणा के चार हलकों – पुंडरी, असंध, जुलाना और नरवाना में भी भाजपा अभी तक प्रत्याशियों का फैसला नहीं कर पाई है। नरवाना से जजपा विधायक रहे रामनिवास सुरजाखेड़ा का भाजपा में शामिल होना लगभग तय था, लेकिन इसी दौरान उन पर दुष्कर्म का केस दर्ज हो गया। ऐसे में उनकी एंट्री रुक गई। असंध में तीन नेताओं में टिकट को लेकर संग्राम चल रहा है। लोकसभा चुनावों के दौरान मनोहर लाल ने पूर्व सीपीएस जिलेराम शर्मा को भाजपा ज्वाइन करवाई थी।
जिलेराम शर्मा असंध से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यहां से करनाल भाजपा जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा ने भी दावा ठोका हुआ है। वहीं असंध के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क भी टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। पुंडरी के निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन ने कांग्रेस को समर्थन किया हुआ है। ऐसे में पुंडरी और जुलाना में भी भाजपा मजबूत चेहरा तलाश रही है।