सुमेधा शर्मा/ट्रिन्यू
गुरूग्राम, 21 नवंबर
हरियाणा के 14 जिलों, विशेषकर गुरुग्राम और फरीदाबाद में व्याप्त प्रदूषण संकट पर हरियाणा सरकार की चुप्पी से लोग गुस्से में हैं। वहीं, राज्य के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर का कहना है कि न तो वह और न ही सरकार इस संकट से बेखबर है, लेकिन वर्तमान में इस समस्या का कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं निकल पा रहा है इसलिये इस स्थिति में वह केंद्र की मदद लेंगे। वह एनसीआर में इस पर्यावरण संकट के समाधान के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं स्थिति की गंभीरता से इनकार नहीं कर रहा हूं। वास्तव में, अगर गुरुग्राम में यही स्थिति बनी रही तो निवासियों, कॉरपोरेट्स और उन लोगों का पलायन हो सकता है जो इसे वास्तविक सहस्राब्दी शहर बनाते हैं। शहर को स्थायी समाधान की जरूरत है और हमारे पास इसके लिए कोई रोडमैप नहीं है, कोई विशेषज्ञ नहीं है। यह मुद्दा इस क्षेत्र के लिये एक चुनौती बन गया है जहां स्वच्छ हवा और एक अच्छा एक्यूआई कुछ दिनों तक ही सीमित है।
राव नरबीर ने कहा कि हम वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं लेकिन शहर और राज्य को दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है। मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलूंगा और देश भर के विशेषज्ञों की मदद से इस पर काम शुरू करूंगा। नरबीर ने कहा कि उन्होंने पहले ही जीआरएपी उल्लंघन को बर्दाश्त न करने के सख्त आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि अंकुश लगाने, स्मॉग गन, प्रवर्तन अभियान जैसे अल्पकालिक समाधान मौजूद थे, लेकिन एनसीआर को पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध सहित और भी बहुत कुछ की जरूरत थी।
राज्य के पर्यावरण मंत्री ने कहा,‘इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अन्य राज्यों और यहां तक कि हमारे राज्य के कुछ हिस्सों में जलने वाली पराली धुंध में प्रमुख योगदान देती है, जिससे एनसीआर जिलों को हर सर्दियों में जूझना पड़ता है। हम किसी को दोष नहीं दे रहे हैं और मानते हैं कि मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय हमें सामूहिक रूप से प्रभावी समाधान खोजने की जरूरत है। पराली जलाना पूरी तरह से बंद करना होगा और सरकार के रूप में हम सभी प्रकार की सहायता, सब्सिडी और जागरूकता पैदा कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारा पड़ोसी राज्य पंजाब भी ऐसा करेगा।’