जींद, 8 नवंबर (हप्र)
जींद की नई अनाज मंडी में पिछले महीने खरीदी गई लगभग 14 हजार क्विंटल पीआर धान की लिफ्टिंग लगभग 1 महीने से नहीं हुई है। इस कारण मंडी के आढ़तियों से लेकर किसानों को भारी दिक्कत हो रही है। परेशान आढ़ती अपनी समस्या के समाधान की मांग को लेकर शुक्रवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिले। उन्होंने डीसी से गुहार लगाई कि मंडी में महीने भर से पड़ी पीआर किस्म धान की तुरंत लिफ्टिंग करवाई जाए। डीसी ने आढ़तियों को जल्द समाधान का आश्वासन दिया।
रोहतक रोड स्थित जींद की नई अनाज मंडी में इन दिनों धान की आवक जोरों पर है। मंडी में धान डालने के लिए जगह नहीं बची है। ऐसे में मंडी में सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड द्वारा खरीदी गई 14000 क्विंटल से ज्यादा धान की लिफ्टिंग लगभग महीने भर से नहीं होने से आढ़तियों और किसानों को भारी परेशानी हो रही है। हैफेड ने 11, 16 और 21 अक्तूबर को मंडी में पीआर किस्म की लगभग 14000 क्विंटल धान की खरीद की थी। इससे मंडी में अब धान डालने के लिए जगह नहीं बची है। जिन आढ़तियों की मार्फत हैफेड ने यह धान खरीदी है, वह आढ़तियों के पास पैसे के लिए चक्कर काट रहे हैं, जबकि किसानों के पैसे का भुगतान हैफेड को करना है। पैसे नहीं मिलने से किसानों को दिक्कत हो रही है। इस समय किसानों को खेतों में गेहूं की बिजाई करनी है। इसके लिए उन्हें गेहूं के बीज से लेकर डीएपी खाद और यूरिया खाद की जरूरत है। यह जरूरत पूरी करने के लिए किसानों को पैसा चाहिए, लेकिन हैफेड को बेची गई धान की पेमेंट अभी तक किसानों को नहीं मिली है।
लिफ्टिंग के बाद हो पाएगा किसानों को भुगतान
धान की सरकारी खरीद का नियम यह कहता है कि सरकारी एजेंसी को धान बेचने वाले किसान के खाते में पैसे तभी आएंगे, जब उसकी खरीदी गई धान की मंडी से लिफ्टिंग हो जाएगी। जब तक लिफ्टिंग नहीं होगी, तब तक धान का पैसा किसान के खाते में नहीं आएगा।
एक-दो दिन में किया जायेगा समाधान : डीसी
फूड ग्रेन डीलर वेलफेयर एसोसिएशन जींद के प्रधान सुशील सिहाग के नेतृत्व में डीसी से मिले आढ़तियों ने कहा कि इस धान की लिफ्टिंग नहीं होने से एक तो मंडी में धान डालने के लिए जगह नहीं बची है, दूसरे किसान अपने पैसे के लिए आढ़तियों पर दबाव बना रहे हैं। जब तक मंडी से धान की लिफ्टिंग नहीं होगी, तब तक किसानों का पैसा नहीं मिल पाएगा। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का एक-दो दिन में समाधान किया जाएगा। डीसी से मिलने वालों में सत्यनारायण जैन, सुरेश रेढू, जगदीश भारद्वाज, अजीत ढांडा आदि शामिल थे।