चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने पर्यटकों के लिए तो एंट्री खोल दी है, लेकिन हरियाणा रोडवेज की बसों को अभी यहां जाने की मंजूरी नहीं दी है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए दोनों राज्यों की सरकारों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि फिलहाल इंटर-स्टेट बस सर्विस को मंजूरी नहीं मिलेगी। हरियाणा सरकार की ओर से इस बाबत दोनों राज्यों को पत्र लिखा गया था। पत्र के जवाब में दोनों राज्यों की ओर से ‘नहीं’ में जवाब आया है। हालांकि नई दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब व उत्तर प्रदेश में हरियाणा परिवहन की बसें चलती रहेंगी। इन राज्यों की ओर से एनओसी दी हुई है। राजस्थान में भी परिवहन बसों को शुरू किया जा चुका है।
परिवहन बेड़े में 3500 के करीब बसें हैं। वर्तमान में 1500 के लगभग बस ही सड़कों पर आ पाई हैं। राज्य परिवहन की कोशिश थी कि इंटर-स्टेट बस सेवा को फिर से शुरू किया जाए। हिमाचल व उत्तराखंड ने ई-पास भी अनिवार्य किया हुआ है।
उत्तराखंड में उन्हीं पर्यटकों को प्रवेश मिल रहा है, जिनके पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट ही मान्य की गई है। जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें भी उत्तराखंड में एंट्री मिल सकेगी। वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार की ओर से एम्बुलेंस में बदली गई रोडवेज बसों को लेकर भी विभाग जल्द फैसला करेगा। इसके लिए राज्य सरकार को पत्र लिखकर पूछा जाएगा कि अभी एम्बुलेंस बनाए रखा जाए या फिर बसों में बदल दिया जाए।
सरकार के जवाब के बाद इस पर फैसला होगा। आगामी सप्ताह में इस मुद्दे पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। यहां बता दें कि रोडवेज की 110 मिनी बसों को एंबुलेंस में बदला गया था। इनमें 22 डिपो से 5-5 बसें ली गई थीं। वहीं 17 बसों में बेड्स लगाए गए थे। इनमें एसी भी फिट किए थे। कुल मिलाकर रोडवेज ने 100 बेड का अस्पताल तैयार किया था।
1900 करोड़ से अधिक का घाटा
परिवहन विभाग को कोरोना महामारी की वजह से अभी तक 1900 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। पिछले साल ही 1100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं इस साल कोविड-19 की वजह से भी 850 करोड़ रुपये के लगभग का अभी तक नुकसान होने का अनुमान है। ई-टिकटिंग को लेकर भी जल्द फैसला होगा। पिछले दिनों हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में भी ई-टिकटिंग के लिए मशीनों की खरीद पर चर्चा हुई थी, लेकिन फैसला नहीं हो पाया।