सोनीपत, 2 दिसंबर (हप्र)
सरकार के साथ किसानों की बातचीत कर दौर शुरू होने के बाद किसानों के धरने पर अचानक से आसपास के किसानों का पहुंचना शुरू हो गया है। कुंडली के 15-20 किलोमीटर के दायरे के गांवों के किसान न केवल ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर पहुंच रहे हैं, बल्कि वहां डटे किसानों के लिए दूध, लस्सी, खाद्य सामग्री के अलावा गन्ने से भरी ट्रालियां भी ले जाई जा रही हैं।
इसके साथ ही एक बार फिर से किसानों का मैन्यू कार्ड बदल गया है। अब उन्हें किसान भाई दूध और मिठाई परोस रहे हैं। वहीं, इस समर्थन के बाद किसानों का मनोबल और बढ़ गया है। एकाएक दो दिनों में कुंडली बार्डर पर पहुंचे किसानों को स्थानीय किसानों का समर्थन मिलने का सिलसिला तेज हो गया है। आंतिल खाप के सभी गांवों के अलावा अलावा गांव बड़वासनी, ककरोई आदि गांवों के किसान बुधवार को किसानों के धरने पर पहुंचे। वे अपने साथ फल-सब्जियां व मिठाइयों भी ला रहे हैं।
वकीलों का भी मिला साथ
इतना ही नहीं जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक करके किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान संदीप शर्मा स्वीटी और उपप्रधान नीरज मलिक ने बताया कि किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। सरकार को उनकी तुरंत सुनवाई करनी चाहिए और उनकी मांगे माननी चाहिए। बार ने किसानों के समर्थन का प्रस्ताव पास किया गया।
दिव्यांग हूं तो क्या, हक के लिए लड़ना चाहिए…
सोनीपत (हप्र) : केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समर्थन करने के एक दिव्यांग किसान भी यहां धरनास्थन पर पहुंचा है। किसान का कहना है कि वह दिव्यांग है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वो हक के लिए लड़ नहीं सकता। बुधवार को पंजाब से कुंडली बॉर्डर पहुंचे दिव्यांग किसान सिप्पा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि संबधित तीन कानूनों को रद्द करवाने के लिए वह कुंडली बॉर्डर पहुंचा हैं। जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती, वे कुंडली बॉर्डर एकत्रित रहेंगे। जेएनयू की छात्राएं भी किसानों के समर्थन में कुंडली बॉर्डर पहुंची।