हिसार 27 सितंबर (हप्र)
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा कि श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादन में भारत का अग्रणी स्थान है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हरियाणा की बाजरे की एचआर-16 हाइब्रिड किस्म ने दक्षिण अफ्रीकी देशों की भुखमरी की समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एचआर-16 वैरायटी दक्षिण अफ्रीकी देशों में साल में 2 बार उत्पादित की जाती है, जिससे वहां खाद्य समस्याओं का निदान हुआ है। गुजवि के छात्रावासों में भी सप्ताह में कम से कम एक बार मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थों की व्यवस्था की जाएगी।
प्रो. बिश्नोई बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स के उपलक्ष्य में आयोजित विश्वविद्यालय के ‘फूड टेक्नोलॉजीÓ विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई की पत्नी प्रो. वंदना बिश्नोई विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार ने की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मिलेट्स से तैयार खाद्य पदार्थों के स्टाल लगाए तथा प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
प्रो. बिश्नोई ने कहा कि मिलेट्स को लेकर शोध की भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने शोधकर्ताओं से कहा कि वे इस मामले में शोध करें कि बाजरे के आटे को अधिक दिनों तक कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है तथा मिलेट्स में पौष्टिक तत्वों को और अधिक कैसे बढ़ाया जा सकता है।