सफीदों, 12 दिसंबर (निस)
श्री कृष्णा आर्ट एंड कल्चर सोसायटी द्वारा गांव खेड़ा खेमावती के रामलीला ग्राउंड में रविवार को हरियाणवी सांग का मंचन किया गया जिसमें कलाकारों ने रागनियों, किस्से, कहानियों व चुटकलों से समा बांध दिया। इस मौके पर उपस्थित एडवोकेट मनजीत बैरागी ने कहा कि सांग का उद्भव 1300 ईस्वी के आसपास हुआ तथा सन् 1850 से 1950 तक सांग की कला का स्वर्णिम काल रहा लेकिन उसके बाद सांग की कला आधुनिकता की चकाचौंध में विलुप्त होती चली गई। दादा लखमी चंद ने सांग को जीवित रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।