नयी दिल्ली, 11 जून (स)
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के उस बयान जिसमें उन्होंने किसानों के गुप्त एजेंडे की बात कही है, पर कड़ी अापत्ति जताई है। मोर्चा नेताओं ने कहा कि मंत्री का यह बयान भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में किसानों ने भाजपा और आरएसएस की ओर से लगाए गए सभी तरह के आरोपों को झेला है, लेकिन वे अडिग रहे हैं। मोर्चा नेताओं ने कहा कि अनिल विज और अन्य भाजपाइयों की हताशा बढ़ती जा रही है, क्योंकि आंदोलन दिन प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है। इसके साथ ही वे सामान्य शिष्टाचार, मर्यादा और शालीनता को ताक पर रखते जा रहे हैं, जो निश्चित ही अच्छी बात नहीं है। किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि तथ्य यह भी है कि मोदी सरकार ने राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण किया है जो स्वीकार्य नहीं है। 11 दौर की बातचीत का वीडियो फुटेज इस सभी बातों का सबूत है। कानूनों के वापसी से ही वर्तमान गतिरोध का समाधान हो सकता है, ऐसे में अब उन्हीं निराधार तर्कों को सामने लाना जो सरकार ने साढ़े चार महीने पहले पेश किये थें, अस्वीकार्य है और यह स्पष्ट दिखाता है कि सरकार आज भी अपने अहंकार पर खड़ी है।