ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 20 दिसंबर। रोहतक में रोहतक-गोहाना-पानीपत रेलवे ट्रैक पर बने देश के पहले एलीवेटिड रेल ट्रैक निर्माण के लिए लोगों के मकान-दुकान तोड़ने पर सोमवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। रोहतक से कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। निकाय मंत्री अनिल विज ने सदन में जब यह कहा कि इस ट्रैक निर्माण के लिए न कोई दुकान तोड़ी गई और न ही किसी का मकान तोड़ा।
स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के दखल के बाद विज ने इसकी जांच के लिए लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट के डायरेक्टर की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाने का ऐलान किया। यह कमेटी मौका मुआयना करेगी और फिर सरकार को रिपोर्ट देगी। कमेटी में रोहतक डीसी तथा इंजीनियरिंग विंग से एक अधिकारी को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा। विज ने रेलवे मंत्रालय का जवाब सदन में रखते हुए कहा कि खुद मंत्रालय ने कहा कि ट्रैक के लिए किसी की दुकान या मकान को नहीं तोड़ा गया।
अलबत्ता शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन पर सड़क बनाने की योजना है। इसके लिए जरूरत कुछ मकानों और दुकानों को तोड़ना पड़ेगा। जिन लोगों के मकान-दुकान टूटेंगे, उन्हें पीजीआई रोहतक तथा रोहतक में ही बिजली विभाग की जमीन पर प्लॉट उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके लिए उनके साथ बातचीत चल रही है। बतरा ने दावा करते हुए कहा कि रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए 58 दुकानों तथा 29 घरों को तोड़ा गया। इन लोगों को न तो मुआवजा मिला और न ही प्लॉट दिए गए।
विज और बतरा जब इसी मुद्दे पर उलझे रहे तो स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने दखल देते हुए विज को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच करवाई जाए। बतरा ने भी विभाग के किसी अधिकारी को मौका मुआयना करने की मांग की। इसके बाद विज ने निकाय विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में जांच के आदेश दिए। अब यह कमेटी मौके पर जाकर जांच करेगी और रिपोर्ट दी जाएगी। विधानसभा के अगले सत्र यानी बजट सत्र में यह रिपोर्ट सदन में पेश होगी।
रेलवे ने की 195 करोड़ की डिमांड
बतरा ने एक और खुलासा करते हुए कहा कि रेलवे ट्रैक के नीचे सड़क बनाने की सरकार की योजना तो है लेकिन रेलवे ने इसके लिए सरकार को पत्र लिखा है। पत्र में 195 करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी इस मुद्दे पर रेल मंत्री से बात की है। विज ने कहा कि सरकार की यहां 15 फुट चौड़ी और 1700 मीटर लम्बी सड़क बनाने की योजना है ताकि यहां के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
कांग्रेस ने किया था बाईपास मंजूर
पानीपत से रोहतक वाली जिस रेलवे लाइन पर एलीवेटिड ट्रैक बनाया गया है, उस लाइन को शहर से शिफ्ट करने की योजना कांग्रेस के समय बनी थी। उस समय रेल मंत्री ने रोहतक में रेलवे बाईपास का शिलान्यास भी कर दिया था। इसके लिए कई गांवों के किसानों की जमीन भी अधिग्रहण की गई थी। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद बाईपास प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया और यहां ऐलीवेटिड ट्रैक बनाया। जापान के बाद देश का यह पहला एलीवेटिड रेलवे ट्रैक है। रोहतक में कामयाबी के बाद राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र और कैथल शहर में भी ऐसे ही ट्रैक बनाने का निर्णय लिया है। रेल मंत्रालय को भी यह विकल्प पसंद आया है। ट्रैक बनने के बाद जहां चार से पांच रेलवे फाटक खत्म होते हैं वहीं, रेलवे ओवरब्रिज बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही, लोगों की दुकानों-मकानों को किसी तरह की आंच नहीं आती।