नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 12 मई
‘बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का, जो चीरा तो इक कतरा-ए-खूं निकला।’ मशहूर शायर हैदर अली आतिश की ये लाइनें सियासी दलों की आमजनों के लिए सहायता के वादों पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। सत्तासीन गठबंधन व विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने महामारी से जूझते लोगों को राहत दिलवाने के लिए ‘कोविड केयर कमेटी’ तो बनाई लेकिन इन कमेटियों के सदस्य सहायता करने की बजाय सिर्फ हमदर्दी ही जता पाए। प्रशासनिक बंदोबस्त भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने व खानापूर्ति साबित हुए। प्रशासनिक अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहना पसंद नहीं करते। इसी कारण अपने नंबर छापने से मना कर दिया।
आक्सीजन आपूर्ति प्रशासनिक नियंत्रण में
आक्सीजन आपूर्ति अब पूरी तरह से प्रशासनिक कंट्रोल में है। होम आइसोलेशन में लोगों को आॅक्सीजन रिफिल उपलब्ध करवाने के लिए एक दिन में सिर्फ 90 टोकन देना निर्धारित किया लेकिन प्लांट्स के बाहर भीड़ नहीं छंटी तो अब घर-घर डिलीवरी के लिए आनलाइन रिफिल बुकिंग सेवा शुरू कर दी। कई स्थानों से नई व्यवस्था के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोगों की दिक्कतें अभी कम नहीं हुई हैं। जानकारी के अभाव में इन रिफिल प्लांट्स पर लोग अभी भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यही स्थिति अस्पताल में बेड की उपलब्धता को लेकर है। आनलाइन सिर्फ 43 अस्पतालों की सूची प्रदर्शित की गई है जबकि मुख्यमंत्री के समक्ष 71 अस्पतालों को कोविड स्पेशल बनाया बताया गया। सभी बड़े अस्पतालों के बेड फुल हैं। मध्यम और छोटे अस्पतालों में बीते दो दिन से व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। अस्पताल में बेड मिलने शुरू हो गए हैं।
वेबसाइट पर बेड खाली, फोन पर फुल होने की जानकारी
ग्राउंड रियल्टी चेक में एक 45 वर्षीय कोरोना पीड़ित को सहायता दिलवाने के लिए भाजपा, जजपा, कांग्रेस व प्रशासनिक व्यवस्थाओं को जांचने का प्रयास किया तो चारों जगह से निराशा ही हाथ लगी। किसी ने दिलासा दिया तो किसी ने हमदर्दी जताई लेकिन सहायता का न तो वादा किया और न ही मदद को आगे आए। साइबर सिटी में प्रशासनिक व्यवस्थाओं के हालात इतने कमजोर हैं कि मदद स्याह अंधेरा ही दिखाई देता है। कोरोना मरीजों को बेड उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन ने आॅनलाइन व्यवस्था कर रखी है। बुधवार को कोविडजीजीएन डाॅटकाॅम नामक वेबसाइट पर आधा दर्जन अस्पतालों में आॅक्सीजन, आईसीयू व वेंटिलेटर बेड खाली होना दर्शाया गया लेकिन जब इन अस्पतालों के नंबरों पर फोन कर जानकारी मांगी गई तो ज्यादातर ने जगह फुल होने की बात कही व कुछ के नंबर बंद मिले। सिविल अस्पताल सेक्टर 10 को जो नंबर वेबसाइट पर उपलब्ध है लेकिन वह नंबर काफी समय से सेवा में ही नहीं है।
हेल्पलाइंस का हाल
भाजपा
जारी किए गए दो नंबरों में 9821084314 पर 48 वर्षीय संदीप का आॅक्सीजन स्तर 85 बताकर आपात सहायता मांगी गई। फोन रिसीव कर्ता ने मरीज की जानकारी लेकर अपनी ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। कुछ इंतजार के बाद पुनः काॅल आया कि मरीज का आधार कार्ड, घर का पता भी उपलब्ध करवाए। बाद में इसी टीम से कई लोगों ने फोन करके सहायता उपलब्ध करवाने का वादा किया लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई सहायता उपलब्ध करवाने की बात नहीं हुई। देर शाम बेड खाली होने तथा पेशेंट को लाने के लिए इस टीम की ओर से फोन किया गया।
जजपा
न्यू काॅलोनी के 55 वर्षीय वेदप्रकाश की रिपोर्ट 4 मई को पाॅजिटिव आयी। अब हालात खराब होने पर अस्पताल में दाखिल करवाने की गुजारिश कंट्रोल नंबर 0124-4068729 पर फोन किया। फोन उठाने वाली महिला की सलाह पर 9999985300 पर बात की तो पेशेंट की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा। पेशेंट की जानकारी उपलब्ध करवाने पर जवाब मिला कि मरीज का ध्यान रखिए हम प्रयास करते हैं। मरीज की ओर से गुजारिश की गई कि आॅक्सीजन स्तर 80 तक पहुंच गया है इसलिए सहायता की आपात अावश्यकता है लेकिन लौटकर किसी ने न फोन किया न मैसेज का जवाब दिया।
कांग्रेस
बादशाहपुर के 45 वर्षीय विक्रम यादव के लिए आपात स्थिति में बेड की व्यवस्था करवाने की गुजारिश के साथ 9216700008 नंबर पर संपर्क किया गया। फोन उठाने वाले ने हमदर्दी जताते हुए सवाल किया, ‘किस तरह के अस्पताल में बेड की व्यवस्था की उम्मीद करते हैं।’ ‘मध्यम दर्जे का। ज्यादा खर्च करने की क्षमता नहीं है’ का जवाब दिया तो फोन उठाने वाले ने शीघ्र संपर्क करने के वादे के साथ फोन काट दिया। कुछ देर बाद उन्हीं की टीम से 971630000 नंबर से फोन आया। फोनकर्ता ने संबंधित जानकारी ली तथा मरीज को अस्पताल में दाखिल करवाने के लिए सहायता की पेशकश की।