अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 16 मई
कोरोना महामारी में मदद करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने हेल्पलाइन तो शुरू की, लेकिन हेल्पलाइन चलाने वाले खुद ही हेल्पलेस नजर आए। वे निजी तौर पर लोगों की मदद में जुटे अन्य समाज सेवकों से खुद मदद मांगते नजर आ रहे हैं। मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाना तो बहुत बड़ी बात है, हेल्पलाइन वाले तो सिर्फ ऑक्सीजन के एकाध सिलेंडर की मदद कर पूरा दिन सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करते हैं, जबकि यह सिलेंडर भी समाजसेवियों द्वारा ही उपलब्ध करवाया जाता है। राजनीति राजधानी कहे जाने वाले रोहतक में महामारी के दौरान पीड़ितों की मदद की बजाय पार्टी प्रतिनिधि अपना प्रचार-प्रसार ज्यादा कर रहे हैं। भाजपा, जजपा व दीपेंद्र की टीम द्वारा शहर में हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है, लेकिन हेल्पलाइन को हैंडल करने वाले पीड़ित से ही पूछते हैं कि आप बता दो कहां पर मिल रहे हैं सिलेंडर, हम आपकी मदद कर देंगे। सरकारी व निजी अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन का इंतजाम की बात तो हेल्पलाइन पर सुनते तक नहीं है। हेल्पलाइन हैंडल करने वाले स्वयं बेबस नजर आ रहे हैं।
वहीं, वैश्य शिक्षण संस्थान के पूर्व प्रधान नवीन जैन ने लोगों की मदद के लिए अपना नंबर जारी कर रखा है। जैन पीड़ितों को ऑक्सीजन सिलेंडर, खाना और दवा मुहैया करवाते हैं।
घरों पर ऑक्सीजन तो दूर, दवाई की किट तक नहीं पहुंची
घरों पर आइसोलेट मरीजों को लिए सरकारी दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहे हैं, घरों पर मरीजों को ऑक्सीजन तो दूर, दवाइयों की किट तक नहीं पहुंची है। प्रशासन द्वारा हर रोज मरीज के बारे में अपडेट भी कहीं नजर नहीं आ रही है। पीजीआई में भर्ती मरीजों का कहना है कि सिर्फ राम भरोसे ही सब कुछ चल रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। एक भी ऐसा गांव नहीं बचा है, जहां पर काफी मरीज न हों यहां पर मरने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है।
अधिकारी नहीं उठाते फोन
प्रशासन ने अलग-अलग करीब 10 से अधिक हेल्पलाइन बना रखी हैं, लेकिन एकाध हेल्पलाइन को छोड़कर अन्य हेल्पलाइन पर यही शिकायत रहती है कि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। यहां तक कि इस मामले को लेकर सांसद डाॅ. अरविंद शर्मा ने भी बैठक में अधिकारियों से कहना पड़ा था कि महामारी का वक्त है और हेल्पलाइन हैंडल करने वाले फोन जरूर उठाएं। साथ ही उपायुक्त ने भी कड़े शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दे रखे हैं कि अगर इस तरह की शिकायत मिली तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
मेयर, भाजपा पार्षद अपनी हेल्पलाइन से कर रहे मदद
राजनीति पार्टियों के अलग हटकर मेयर मनमोहन गोयल, भाजपा पार्षद अशोक खुराना व पार्षद प्रतिनिधि दीपू नागपाल स्वयं की हेल्पलाइन बनाकर मरीजों के लिए फ्री में ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं। निजी तौर पर हेल्पलाइन चलाने वालों का कहना है कि राजनीति पार्टियों के हेल्पलाइन हैंडल करने वाले उनके पास से मदद लेकर सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करते हैं। अशोक खुराना का कहना है कि मेयर मनमोहन गोयल के प्रयास से ही रोहतक के लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन मिल रही है। सुबह से शाम तक यहां पर घरों में आइसोलेट मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जाते हैं। अशोक खुराना की टीम तो मरीजों को घर खाना व दवाइयां तक उपलब्ध करवा रही है।
हेल्पलाइंस का हाल
अपने ही पदाधिकारियों की मदद नहीं कर पा रही भाजपा
भाजपा हेल्पलाइन पार्टी के लोगों की ही मदद करने में असहाय नजर आए हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा की तरफ से हेल्पलाइन हैंडल करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश भाटिया व सतीश आहूजा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेबर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन रमेश बल्हारा के किसी परिचित को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी, लेकिन दोनों पदाधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिये।
जजपा हेल्पलाइन पर दिये जाते हैं फोन नंबर
जजपा ने हेल्पलाइन पर दो पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी हैै, लेकिन अस्पतालों में बैड व ऑक्सीजन के लिए वह भी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जजपा हेल्पलाइन हैंडल करने वाले इतनी तो मदद कर रहे हैं कि पीड़ित को फोन नंबर देकर बता देते हैं कि यहां पर आपको ऑक्सीजन व यहां पर बेड मिल सकता है, लेकिन अपनी तरफ से मदद कम ही कर पाते हैं।
टीम दीपेंद्र में मदद कम, सरकार के प्रबंधों का रोना अधिक
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा द्वारा कोरोना पीड़ितों के लिए प्रदेश स्तरीय टीम दीपेंद्र बना रखी है। कुछ हद तक टीम के सदस्य पीड़ितों की मदद तो करते हैं, लेकिन सरकार के प्रबंधों का अधिक रोना-रोते हैं। सोशल मीडिया पर इनके मदद का प्रचार अधिक किया जाता है। रोहतक में निजी हेल्पलाइन चला रहे लोगों से भी पीड़ितों की मदद करवाते हैं। टीम दीपेंद्र के सदस्यों का कहना है कि सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं लचर हो चुकी हैं और अस्पतालों में भर्ती के लिए वह क्या कर सकते हैं।
सांसद को जारी करनी पड़ी अपनी हेल्पलाइन
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा निर्धारित रेटों से अधिक रुपये निजी कई अस्पतालों से वसूलने का मामला संज्ञान में आने पर सांसद डाक्टर अरविंद शर्मा को अपना हेल्पलाइन नंबर तक जारी करना पड़ा। यह मामला सीएम व स्वास्थ्य मंत्री के भी संज्ञान में लाया गया। इसके बाद ही प्रशासन ने ज्यादा रुपये वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अलग से अधिकारियों की टीम बनाई गई। इसके अलावा सांसद ने अस्पतालों में मरीज के भर्ती करवाने व ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हर रोज रोहतक, झज्जर व रेवाड़ी के अधिकारियों के साथ बैठक जारी रखी।
अधिकारियों की टीम रातभर कर रही है काम
कोरोना महामारी से निपटने के लिए उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार रात दो बजे तक अपडेट रहते हैं। उनकी टीम भी रातभर काम कर रही है। यहां तक कि उपायुक्त रात को एक बजे तक भी मीटिंग कर महामारी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करते नजर आए। भले ही हेल्पलाइन हैंडल करने वाली कर्मचारियों की फोन न उठाने की शिकायत रहती है, लेकिन उपायुक्त रात चाहे एक बजे हो या तीन बजे तुरंत फोन उठाते हैं। उपायुक्त की टीम के काम करने के तरीके की लोग सराहना भी कर रहे हैं।