भिवानी, 24 मार्च (हप्र)
होली का त्यौहार भाईचारे का प्रतीक है। जहां होलिका दहन हमें यह सीख देता है कि बुरा कर्म युग पलटने के बाद भी खड़ा रहता है और उसे करने वाला युगों- युगों तक उसकी सजा के तौर पर जनमानस की घृणा पाता है, वहीं धुलेंडी हमें भाईचारे और प्रेम का संदेश देती है।
यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने दिनोद धाम में स्थित राधास्वामी आश्रम में कहे।
हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि मन की खुराक मंदिर मस्जिद शिवालय दे सकते हैं लेकिन रूह को खुराक केवल सत्संग से ही मिलती है। सत्संग हमारे कर्मों को भी सुधारता है।