हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 1 दिसंबर
किसानों की सभी मांगों को सिरे चढ़ाने के लिए किसान संगठनों की बैठकों का दौर जारी है। बुधवार को हरियाणा किसान मोर्चा के बैनर तले 26 संगठनों ने बैठक कर हालात पर चर्चा की तो पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने भी बैठक कर मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा की। दोनों बैठकों के बाद किसान नेताओं ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे। सरकार के रवैये को देखते हुए 4 दिसंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अहम फैसला लिया जा सकता है। दोनों ओर से अलग-अलग पत्रकारवार्ता कर एकमत होने का दावा किया गया। वहीं, 32 जत्थेबंदियों ने ऐलान किया है कि सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन वे इसका तरीका बदलने पर विचार कर सकते हैं। साथ ही कहा कि किसानों की मौत का आंकड़ा सरकार किसानों से ले सकती है। पंजाब के जत्थेदारों ने कहा कि पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश हो रही है, लेकिन वे आंदोलन छोड़कर जाने वाले नहीं हैं, बल्कि हरियाणा व अन्य राज्यों के किसानों के साथ यहां आखिरी तक डटे रहेंगे। जत्थेबंदियों व हरियाणा किसान मोर्चा की अलग-अलग पत्रकारवार्ता के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा में कोई दो मत नहीं है। जानबूझ कर अफवाह फैलाई जा रही है। पीएम को भेजे 6 मुद्दों पर किसान संगठन कायम हैं। उधर, हरियाणा किसान मोर्चा की बैठक में गुरनाम चढूनी नहीं पहुंचे।
हरियाणा के किसानों ने 2 और मांगें जोड़ी
हरियाणा किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार को यह घोषणा करनी होगी कि गठित कमेटी हर हाल में एमएसपी गारंटी कानून बनाएगी। मोर्चा ने पहले की मांगों में 2 नयी मांगें भी जोड़ दी हैं। इनमें भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल-2013 व संपत्ति क्षतिपूर्ति एक्ट वापस लेना शामिल है। हरियाणा किसान मोर्चा के बैनर तले 26 संगठनों बैठक की अध्यक्षता मनदीप सिंह नाथवान ने की। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब व हरियाणा में परिस्थितियां अलग-अलग हैं। हरियाणा में भाजपा सरकार है, इसलिए किसानों पर मुकद्दमों को वापस नहीं लिया गया है, जबकि पंजाब में यह घोषणा हो गई है। हरियाणा में किसानों पर दर्ज सभी 48 हजार मुकद्दमे वापस लेने होंगे। शहीद किसानों के आश्रितों को नौकरी व घायलों को मुआवजा देना होगा। कुंडली बॉर्डर पर स्मारक बने। थानों में बंद ट्रैक्टर व अन्य वाहन छोड़ने होंगे। कसार गांव की घटना में जेल में बंद जींद के 2 ग्रामीणों को छोड़ना होगा।
बांटने की कोशिश बंद करे केंद्र : एसकेएम
संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा सरकार को कहा कि वह किसानों को बांटने की कोशिश बंद करे। मोर्चा ने कहा कि दिल्ली के मोर्चों पर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसानों का विरोध स्थलों पर पहुंचना जारी है ताकि सभी एक साथ विजयी होकर वापस जा सकें। मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य बलबीर राजेवाल ने कहा कि मोदी सरकार औपचारिक संवाद शुरू करने से बच रही है। मांगपत्र का औपचारिक रूप से जवाब न देकर विरोध करने वाले किसानों को विभाजित करने के प्रयासों में जुटी है। मोर्चा ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर और राज्य के किसान संगठन के नेताओं के बीच कोई बैठक नहीं हुई है।