ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 3 अप्रैल
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की अध्यक्ष डा. नीलिमा सांगला, सदस्यों सुमन राणा व राजबीर सिंह की सर्वसम्मत पीठ ने उपभोक्ता सुभाष कुमार निवासी खरक पांडवा की शिकायत को सही मानते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। फैसले में प्रतिवादी फर्म बीएन शर्मा टेलर्ज व उसके मालिक विजय को निर्देश दिए हैं कि वह उपभोक्ता को कपड़ों की कीमत सिलाई सहित कुल राशि 9339 रुपए 19 जुलाई, 2019 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा हर्जाना के रुप में 5500/ आगाली 2 माह के भीतर अदा करे। तय सीमा के बाद आयोग के फैसले अनुसार उसे 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करना होगा। आयोग में फैसले में स्पष्ट किया है कि यदि प्रतिवादीकरण आयोग के फैसले अनुपालना करने में विफल रहते हैं तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के अन्तर्गत उन्हें न्यूनतम एक माह की जेल तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है अथवा जुर्माने के साथ जो 2500 से कम नहीं होगा तथा एक लाख तक बढ़ाया जा सकता है या दोनों एक साथ भुगतनी होंगी।
डा. नीलिमा सांगला द्वारा निर्देशित छह पृष्ठ के इस फैसले में उल्लेख किया गया है कि उपभोक्ता सुभाष ने रेमंड शो रूम पिहोवा चौक से अपने भाई कपिल देव के माध्यम से 5039 रुपये के कपड़े 19 जुलाई, 2019 को खरीदे थे। पांच पेंट सिलवाने के लिए वह प्रतिवादी के पास गया तो उन्होंने सिलाई के दाम 4300 रुपए बताए। 26 जुलाई को पेटीएम के जरिए उसने इस राशि का भुगतान भी कर दिया। लेकिन पैंटों की सिलाई से उपभोक्ता संतुष्ट नहीं था, जिस बारे उसने उन्हें ठीक करने का आग्रह किया जिसे उत्तरवादी ने ठुकरा दिया और कपड़ों की कीमत व सिलाई के पैसे वापस नहीं किए। इस पर सुभाष ने उपभोक्ता न्यायालय में शिकायत दर्ज करवाई। उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने दोनों पक्षों द्वारा पेश दस्तावेजों व गवाहों के को परखा और टिप्पणी दी कि वादी ने जो बिल रेमंड कम्पनी का पेश किया है, वह सही है। प्रतिवादी एक व दो ने सुभाष को हानि पहुंचाई है।