अम्बाला शहर, 23 जून (हप्र)
रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए दो टूक कहा कि वह सेवानिवृत्त कर्मियों की मांगों को बिना किसी और देरी के लागू करे वरना भाजपा को विधानसभा चुनावों में भी गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। संघ के प्रदेश उप सचिव ने आज आयोजित बैठक के बाद कहा कि आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए बुधवार को रोहतक में राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। इसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है। प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों, बोर्ड, कारपोरेशन, नगर निगम, नगर पालिकाओं व यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत हुए चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक के कर्मचारियों व अधिकारियों के सांझे संगठन रिटार्यड कर्मचारी संघ 196 की बैठक सिंचाई विभाग के रेस्ट हाउस में हुई।
पेंशनर्ज को सम्बोधित करते हुए रिटार्यड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश उप महासचिव सतीश सेठी व केंद्रीय कमेटी सदस्य करनैल सिंह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जहां पेंशनर्ज के साथ वादा खिलाफी की वहीं कैशलेस मेडिकल सुविधा पर अभी भी पेंशनर्ज के साथ मजाक कर रही है। पैनल वाले हॉस्पिटल में भी सभी बीमारियों के इलाज पर कैशलेस सुविधा नहीं मिल रही है। पेंशनर्ज व कर्मचारी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में प्रदेश के किसान, मजदूर, मेहनतकश जनता एवं 3 लाख से ज्यादा पेंशनर्ज ने मिलकर करारा झटका दिया है। इसलिए सरकार चुनाव परिणामों से सबक लेकर मांगों को पूरा करे।
बैठक में मुख्य रूप से दयाल चंद सैनी, सरदार रणजीत सिंह, किशन लाल सागर, प्रधान सिंह, सरदार सिंह, राम चंद, रामजीत, अशोक, राजेश, रोशन लाल, वीरेंद्र कुमार इत्यादि ने भाग लिया।
पुरानी पेंशन नीति बहाल करने की मांग
बैठक के बाद जिला प्रधान नंदन सिंह रावत व सचिव कुलदीप चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी को यूनियन ने पेंशनर्ज के 7 सूत्री मांग पत्र को लागू करने का अनुरोध किया था। इनमें 65, 70, 75 वर्ष की आयु पर पंजाब एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर पेंशन बढ़ोतरी करन, कम्यूट की गई राशि की रिकवरी 15 साल की बजाए 10 साल तक करने, कैशलेस मेडिकल सुविधा बिना शर्त लागू करने, मेडिकल मासिक भत्ता बढ़ाकर 3 हजार रुपए करने, फैमिली पेंशनर्ज को एलटीसी की सुविधा देने, पूर्व में 30 जून व 31 दिसंबर को सेवा से रिटायर हुए कर्मियों को भी वेतन वृद्धि देकर पेंशन फिक्स करने, पहले की तरह रेल व हवाई यात्रा किराया में छूट तथा पुरानी पेंशन नीति बहाल करना शामिल है।