विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 24 दिसंबर
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आज समापन हो गया है। आज भी महोत्सव में भारी भीड़ रही और पयर्टकों ने जमकर खरीददारी की। लोगों ने महोत्सव में लगे हरियाणवी पैवेलियन तथा अन्य सांस्कृति कार्यक्रमों और महाआरती का पूरा लुत्फ उठाया। कुल मिलाकार गीता महोत्सव एक अमिट छाप छोड़ गया है। सरकारी आंकडों के अनुसार महोत्सव 2023 के यादगार लम्हों को देश-विदेश में 60 लाख लोगों ने सोशल साइट पर असम राज्य के पैवेलियन सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में श्रीलंका को पार्टनर कंट्री के रूप में आमंत्रित किया गया। इस देश के कलाकारों ने भारत वर्ष की प्राचीन संस्कृति को सहेजने का काम किया है। इसकी झलक महोत्सव के मुख्य मंच ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान देखने को मिली। श्रीलंका के कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को नाटक डांस ड्रामा और म्यूजिक का समावेश करके अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया। श्रीलंका के सांस्कृतिक मंत्री विदुरा विक्रमानायके ने भी महोत्सव का दौरा किया था।
गीता महोत्सव पर बातचीत करते हुए केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि महोत्सव-2023 में गीता कॉलोनी के लोगों ने अपने घरों को दीपकों से सजाया। इतना ही नहीं लोगों ने रंग-बिरंगी लड़ियां लगाकर और आतिशबाजी से गीता जयंती के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने का काम किया।
थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के अनुसार अब अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आत्मनिर्भर फेस्टीवल के रूप में स्थापित हो गया है। उन्होंने महोत्सव के अवसर पर ब्रह्मसरोवर पर कोरिडोर बनाने का प्रस्ताव भी रखा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि महोत्सव के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचा हरियाणवी संस्कृति का संदेश। महोत्सव में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित हरियाणा पैवेलियन में आयोजित हरियाणवी सवाल-जवाब जनता के बीच विशेष पहचान छोड़ गए।