चंडीगढ़, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा। विधानसभा सचिवालय की ओर से सत्र की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। 14 दिसंबर को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी। इस बैठक में सत्र की अवधि तय की जाएगी। बैठक में सीएम मनोहर लाल, विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, संसदीय कार्य मामले मंत्री कंवर पाल गुर्जर और डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा मौजूद रहेंगे।
विधानसभा में पक्ष व विपक्ष के विधायकों द्वारा उनके हलकों से जुड़ी समस्याओं को उठाया जाएगा। कई विधायकों ने प्रदेश स्तर के मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। रोहतक से कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा अवैध कालोनियों का मुद्दा सदन में उठाएंगे। सत्र के पहले ही दिन प्रश्नकाल के दौरान इस संदर्भ में उनका सवाल लगा हुआ है। इस दौरान वे हुड्डा सरकार के 2005 से 2014 तक के कार्यकाल में वैध हुई कालोनियों के साथ 2014 से 2023 तक अस्तित्व में आई नई अवैध कालोनियों को लेकर सरकार पर सवाल दागते नजर आएंगे।
साथ ही, यह भी सवाल बतरा उठाएंगे कि सरकार ने अभी तक जिलावार कितनी कालोनियों को नियमित किया है और इसके लिए क्या नीति अपनाई है। भाजपा सरकार के अभी तक के कार्यकाल में उन कालोनियों को लेकर भी बतरा सवाल पूछेंगे कि सरकार ने इस अवधि में कितनी अवैध कालोनियों को गिराया है। यहां बता दें कि मौजूदा सरकार अभी तक 1500 के लगभग कालोनियों को नियमित कर चुकी है और 800 से अधिक कालोनियां को नियमित करना प्रक्रिया में हैं।
शीतकालीन सत्र में भिड़ते नज़र आएंगे चाचा-भतीजा : शीतकालीन सत्र में चाचा-भतीजा यानी इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला में भिड़ंत देखने को मिल सकती है। अभय ने दुष्यंत के विभागों से जुड़े कई सवाल विधानसभा में लगाए हैं। इन सवालों पर दोनों में टकराव होने की प्रबल संभावना है। राजनीतिक और पारिवारिक कलेश के चलते दोनों एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनावों में दुष्यंत की पार्टी जजपा ने 19 हलकों में चुनाव लड़ा था। अधिकांश जगहों पर जजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। अभय सदन में इन नतीजों को लेकर भी दुष्यंत को घेरने की कोशिश कर सकते हैं।
रेवाड़ी एम्स का मुद्दा भी गरमाएगा
विधानसभा में एक बार फिर रेवाड़ी में बनने वाले एम्स का मामला उठाया जाएगा। मोदी सरकार ने 2019 में रेवाड़ी में एम्स बनाने का ऐलान किया था। पहले मनेठी गांव में एम्स बनना था, लेकिन पर्यावरण क्लीयरेंस की वजह से मामला लटका गया। इसके बाद माजरी गांव के लोगों ने जमीन की पेशकश की। जमीन एम्स निर्माण के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को ट्रांसफर हो चुकी है। रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव सदन में इस मुद्दे पर सरकार पर सवाल दागते नजर आएंगे। वे पूर्व में भी मुद्दा उठा चुके हैं।