जींद, 10 सितंबर (हप्र)
जींद में पुलिस और वकीलों के बीच विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि एक नया विवाद जिला कारागार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों के बीच पैदा हो गया है। इसमें डॉक्टरों ने जेल ड्यूटी का बहिष्कार कर दिया है। विवाद के चलते अब जिला कारागार में कुछ दिन से बंदियों और कैदियों को जेल में चिकत्सा सुविधान नहीं मिल रही।
जिला कारागार में बंद कैदियों और बंदियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रामराय पीएचसी में तैनात एमओ डॉ. अमित मलिक की ड्यूटी लगाई हुई थी। डॉ. अमित मलिक की पिछले सप्ताह जिला कारागार में ड्यूटी के दौरान एक बंदी के साथ दवा लिखने के मसले पर बहस हो गई थी। इस बहस को जेल अधीक्षक संजीव बुधवार ने अपने कार्यालय में लगे सीसीटीवी में देखा, तो उन्होंने तुरंत जेल उपाधीक्षक और दूसरे स्टाफ को उस कक्ष में भेजा, जिसमें बैठकर डॉ. अमित मलिक कैदियों और बंदियों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे थे। इसी दौरान डॉ. अमित मलिक ने वाकी टॉकी पर जेल अधीक्षक को लेकर इस तरह की बात की, जो जेल अधीक्षक को बुरी लगी। एमओ अमित मलिक ने सीधा कहा कि सुप्रिटेंडेंट से बात करवाओ। इस पर जेल अधीक्षक संजीव बुधवार ने डॉ. अमित मलिक से कहा कि आपकी भाषा कम से कम एक डॉक्टर की तरह सभ्य होनी चाहिए। यहीं से सारा विवाद खड़ा हो गया। डॉ. अमित मलिक ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाए कि जेल में बंदियों और कैदियों के स्वास्थ्य की जांच के दौरान उन्हें पूर्ण सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जाती। बैठने के लिए सही रूम नहीं दिया गया है। इस तरह के आरोप लगाते हुए डॉ अमित मलिक ने जेल ड्यूटी करने से मना कर दिया। सरकारी डॉक्टरों द्वारा जेल ड्यूटी का बहिष्कार कर दिए जाने से बंदियों और कैदियों को जेल में चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही।
कोई नहीं जाएगा ड्यूटी पर : एसोसिएशन
एचसीएमएस एसोसिएशन ने कहा कि अब जेल ड्यूटी पर कोई भी मेडिकल अफसर नहीं जाएगा। एसोसिएशन ने मंगलवार को सिविल सर्जन को प्रधान डॉ. बिजेंद्र ढांडा की अगुवाई में ज्ञापन सौंपा।
एमओ का तरीका सही नहीं : जेल अधीक्षक
जेल अधीक्षक संजीव बुधवार से ने कहा कि एमओ अमित मलिक का खुद का बोलने का तरीका सही नहीं था। जहां तक जेल में ड्यूटी के दौरान डॉक्टर को सुरक्षा की बात है तो पूरी सुरक्षा दी जाती है।