दलेर सिंह/हप्र
जींद, 4 जनवरी
नगर परिषद जींद की अध्यक्ष पूनम सैनी की कुर्सी सोमवार को आखिरकार बच ही गई। उनके खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर शक्ति प्रदर्शन के लिए बुलाई गई बैठक में एक भी मत उनके खिलाफ नहीं पड़ा। हालांकि लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में बुलाई गई बैठक में प्रधान विरोधी खेमे के 19 पार्षद ही पहुंचे, मगर उन्होंने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। यह भी उल्लेखनीय है कि विरोधी पार्षद पूरी तरह तैयार होकर पहुंचे थे, मगर निर्धारित आंकड़ा पूरा न होने के कारण उन्होंने कार्यवाही से दूरी बनाए रखी। एक भी पार्षद ने प्रस्ताव के पक्ष में हस्ताक्षर नहीं किए।
जींद नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सोमवार को अहम बैठक होनी थी। बैठक में उनके साथ नप आयुक्त डॉ. सुशील, नप ईओ डॉ. सुरेश चौहान कर्मचारियों के साथ पहुंचे थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार मनोज अहलावत को नियुक्त किया गया था। जबकि डीएसपी धर्मबीर खर्ब पुलिस बल के साथ बाहर मौजूद रहे। काफी देर तक इंतजार करने पर भी पार्षदों के बैठक में न पहुंचने पर स्थगित करने का ऐलान किया। प्रधान विरोधी खेमे के पार्षद विनोद आशरी, सुदेश देवी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में पार्षद हैं। दो पार्षद नप अध्यक्ष के साथ थे, जिन्हें मतदान के दौरान नप अध्यक्ष के खिलाफ मतदान करना था। अध्यक्ष खेमा सदन में नहीं पहुंचा तो उन्होंने भी रणनीति में बदलाव करते हुए बैठक में भाग नहीं लिया।
वहीं, नप निर्वाचन अधिकारी एवं जिला परिषद के सीईओ दलबीर सिंह ने बताया कि बैठक में कोई भी पार्षद नहीं पहुंचा, जिसके चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट डीसी को सौंप दी गई है। उपायुक्त डा. आदित्य दहिया ने कहा कि नगरपरिषद अध्यक्षा पूनम सैनी के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव एक तरह से गिर गया है।
5 साल पूरे करूंगी : पूनम सैनी
जींद नगरपरिषद अध्यक्ष पूनम सैनी ने मोबाइल पर बातचीत में कहा कि उनके खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। विरोधी अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने दावा किया कि वे परिषद में अपना पूरे पांच साल कार्यकाल पूरा करेंगी।