जींद, 29 मई (हप्र)
सिंचाई विभाग ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इसके तहत शहर के दो-तिहाई हिस्से से रोजाना निकलने वाले 15 मिलियन लीटर सीवरेज के गंदे पानी को बेहतर तरीके से ट्रीट कर आसपास के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाए जाएगा।
इस बड़ी और किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजना के तहत इंटलखुर्द गांव तक भूमिगत पाइप लाइन दबाने का काम चल रहा है। ईंटल खुर्द गांव के पास रिजर्वायर (तालाब) बनाया गया है। सीवरेज के पानी को ट्रीट कर पाइप लाइन के जरिए यहां लाकर स्टोरेज किया जाएगा और यहां से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। इस प्रोजक्ट पर लगभग 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। इस समय सीवरेज के पानी को कभी हांसी ब्रांच नहर में तो कभी कालवा-किनाना ड्रेन में छोड़ा जा रहा है, जिस पर लोग आपत्ति भी जता चुके हैं। सिंचाई विभाग के इस प्रोजक्ट के सिरे चढ़ने से जहां शहर की सीवरेज संबंधी समस्या का समाधान होगा, वहीं कई गांवों के लोगों को भी फ्री में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। खेतों में गेहूं की फसल की कटाई होने के बाद भूमिगत पाइप लाइन दबाने का काम शुरू कर दिया गया है।
वर्तमान में सीवरेज पानी के डिस्पोजल की से व्यवस्था
इस समय शहर में हांसी ब्रांच नहर के पास जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा हांसी रोड पर 15 एमएलडी और अहिरका के पास 7 एमएलडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। 15 एमएलडी सीवरेज प्लांट में गंदे पानी को ट्रीट करने की क्षमता को भी बढ़ाया गया है। शहर से निकलने वाले सीवरेज के गंदे पानी को पहले ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाता है। इसके बाद इसे ट्रीट कर आगे माइनर या ब्रांच में छोड़ दिया जाता है।
ये होगी नई व्यवस्था
सिंचाई विभाग अब नई व्यवस्था के तहत एसटीपी से जेडी-6 एक के साथ-साथ 500 एमएम डाया की साढ़े 9 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड पाइप लाइन दबा रहा है। इसके जरिए एसटीपी से निकलने वाले पानी को इंटलखुर्द के रिजर्वायर में स्टोर किया जाएगा। यहां से इंटलखुर्द, संगतपुरा और जाजवान के खेतों में पानी को खेतों की सिंचाई के लिए पहुंचाया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो बाकी गांवों के किसानों को भी यह पानी पहुंचाया जाएगा। जो किसान पानी लेना चाहते हैं, उनकी जमीन को भी विभाग द्वारा चिन्हित कर लिया गया है। विभाग द्वारा किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए यह पानी मुफ्त दिया जाएगा। इससे एक तो किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए अच्छा पानी मुफ्त मिलेगा और दूसरे जींद शहर की सीवरेज की समस्या का भी स्थायी समाधान
हो जाएगा।
‘मानसून से पहले काम पूरा करने का प्रयास’
सिंचाई विभाग के एसडीओ (कंस्ट्रक्शन डिवीजन) अजय कुंडू ने कहा कि पाइप लाइन दबाने का काम तेजी से किया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि मानसून से पहले काम पूरा कर लिया जाए, ताकि किसानों को भी परेशानी नहीं आए और काम भी प्रभावित नहीं हो। विभाग की यह एक अच्छी परियोजना है। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। विभाग द्वारा पाइप लाइन दबाने से लेकर पानी के स्टोरेज का काम किया जाएगा तो आगे किसानों के खेतों तक काडा द्वारा टपका या फव्वारा सिस्टम स्थापित किया जाएगा।