कैथल, 26 अप्रैल (हप्र)
कृषि निदेशालय हरियाणा पंचकूला से संयुक्त निदेशक (गुण नियंत्रण) डॉ. मनजीत नैन की अगुवाई में उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद, गुण नियंत्रण निरीक्षक डॉ. महावीर प्रसाद, एसडीओ चीका डॉ. विनोद वर्मा के साथ संयुक्त रूप से डीएपी खाद के संदर्भ में लगभग 15 खाद विक्रेताओं के खाद भंडारों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान खाद की उपलब्धता एवं किसानों को बेचे जा रहे खाद के रिकॉर्ड की जांच की गई जो कि संतोषजनक मिली। निरीक्षण के दौरान सभी खाद विक्रेताओं को सख्त हिदायतें संयुक्त निदेशक द्वारा जारी की गई और खाद निरीक्षकों को भी उन्होंने सभी मण्डियों में लगातार निगरानी करने बारे कहा, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
खाद विक्रेता बनवारी लाल, बख्शी राम, मैसर्ज कुन्दन लाल रति राम, मैसर्ज शान्ति स्वरूप राकेश चन्द खण्ड पूण्डरी, कैथल भंडार आदि के अलावा चीका के खाद विक्रेता मैसर्ज देवेन्द्र खाद भंडार, मैसर्ज चौ. माहा सिंह एंड सन्स, मैसर्ज हरियाणा खाद एजेंसी आदि के डीएपी के खाद के स्टॉक का निरीक्षण किया गया। उपनिदेशक ने बताया कि सभी खाद विक्रेताओं को निर्देश दिए जा चुके हैं कि जिनके पास स्टॉक में पुराने रेट का डीएपी उपलब्ध है, वे पुरानी दरों पर ही किसानों को खाद बेचना जारी रखें।
भाव में वृद्धि का विरोध
यमुनानगर (हप्र) : देश में डीएपी, एमपी के सुपर फास्फेट के भाव में 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि किसान वर्ग की कमर तोड़कर रख देगी। खेती जहां पहले ही घाटे का सौदा है, खाद की वृद्धि से घाटा और बढ़ेगा। यह आरोप किसान नेता सतपाल कौशिक ने लगाते हुए कहा कि गेहूं की बिजाई के समय जो डी.ए.पी. किसान को 1100 रूपये मे मिला था, वह अब 1600 रूपये का हो गया है, जिससे कम से कम 3000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से लागत मूल्य बढ़ गया है। कौशिक ने कहा कि एक साल में डीजल के भाव में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है और अब खाद के भाव में 30 प्रतिशत वृद्धि ने फसल का लागत मूल्य दोगुणा कर दिया है जबकि कृषि उत्पाद के भाव में सरकार ने समर्थन मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की है।