सिरसा, 18 नवंबर (हप्र)
संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा भारत द्वारा अपने आंदोलन की चौथी सालगिरह, पर 26 नवंबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंधी हरियाणा किसान मंच की गांव झिड़ी में हुई बैठक में रणनीति बनाई गई। बैठक की अध्यक्षता सिकंदर सिंह भीवां प्रधान ने की। हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष बाबा गुरदीप सिंह झिड़ी ने कहा कि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि सिर्फ हरियाणा व पंजाब के किसान एमएसपी लेने की बात करते हैं और देश के दूसरे भागों से किसान बोल ही नहीं रहे। इसी के जवाब में सरकार को आगाह करने के लिए देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की लंबित मांगों को तुरंत माने अन्यथा किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा 26 नवंबर के बाद तुरंत कोई बैठक कर आंदोलन चलाने पर मजबूर होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
प्रमुख मांगों में किसानों को उनकी फसलों का भाव एमएसपी देकर खरीद की गारंटी कानून बनाया जाए। किसान व मजदूरों का कर्ज बिना शर्त माफ किया जाए। जब पूंजीपतियों का 17 लाख करोड़ रुपये तक माफ किए जाते हैं तो किसानों के क्यों नहीं? बीटी कॉटन का हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में 46 प्रतिशत एरिया कम हो गया है, इसके दुष्परिणामों के कारण किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। किसान जीएम बीजों का विरोध करते हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक-2021 रद्द करके 2013 का कानून लागू किया जाए। खराब हुई फसलों का मुआवजा तुरंत दिया जाए। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल नीति को बन्द किया जाए। किसानों पर पराली जलाने पर मुकदमें दर्ज किए हैं, उनको वापस लिया जाए।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष नायब सिंह नंबरदार, मघर सिंह कुरंगावाली, बलकरण सिंह, रूप सिंह नागोकी, परमजीत नागोकी, भोगड़ सिंह भीवां, मंदर सिंह भीवां, जसबीर सिंह सहू, दलबीर सिंह सूबाखेड़ा, हरदीप सिंह सूबाखेड़ा सहित अन्य संगठन सदस्य व किसान उपस्थित थे।