जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 17 मई
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी के सामने हिसार संसदीय क्षेत्र में अपने ही एक ट्रैक रिकार्ड को बरकरार रखने की चुनौती है। जेपी का यह ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वे कई बार कमबैक करते रहे हैं। कई ऐसे मौके आए हैं, जब वे चुनाव हारने के बाद अगले चुनाव को जीतने में कामयाब रहे हैं। इस बार फिर जेपी चुनावी मैदान में हैं। अब यह देखना रोचक रहेगा कि इस बार वे अपने इस ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रख पाते हैं या नहीं।
जेपी का मुख्य मुकाबला भाजपा उममीदवार और नायब सरकार में बिजली व जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह के साथ है। जेपी अब तक हिसार से कुल मिलाकर 7 लोकसभा चुनाव लड़े हैं। इनमें 6 आम चुनाव और एक उपचुनाव है। जहां तक लोकसभा के आमचुनावों की बात है, तो जयप्रकाश एक बार चुनाव हारने के बाद अगली बार जीत भी गए हैं। हालांकि 2009 के आमचुनाव और 2010 के उपचुनाव में हार के बाद 2014 और 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
2014 में कांग्रेस ने हिसार से पूर्व वित्त मंत्री प्रो़ संपत सिंह और 2019 में पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया था।जेपी ने 1989 में हिसार से अपना पहला लोकसभा चुनाव जनता दल प्रत्याशी के रूप में लड़ा था और कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह को पराजित किया था। 1991 में जयप्रकाश जनता दल की टिकट पर हिसार से फिर चुनावी दंगल में उतरे, मगर कांग्रेस के मास्टर नारायण सिंह के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1996 में जयप्रकाश ने हिसार में फिर जीत के साथ कमबैक किया। उन्होंने हविपा प्रत्याशी के रूप में इनेलो के लाल गौरी शंकर को पराजित किया था।
1998 में जयप्रकाश हरियाणा गण परिषद प्रत्याशी के रूप में हिसार से फिर चुनावी दंगल में उतरे, लेकिन उन्हें इनेलो के सुरेंद्र बरवाला के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2004 में जयप्रकाश ने हिसार से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जेपी ने फिर जीत के साथ कमबैक करते हुए इनेलो के सुरेंद्र बरवाला को भारी मतों के अंतर से पराजित किया। 2009 के लोकसभा चुनाव में जयप्रकाश हिसार से हजकां प्रत्याशी पूर्व सीएम भजनलाल के हाथों बुरी तरह से पराजित हुए। इस तरह जयप्रकाश ने हर बार हार के बाद हिसार में कमबैक किया है। एक बार वह हिसार में चुनाव जीते तो अगली बार हार गए। उसके बाद चुनाव जीत गए तो अगली बार हार गए। जेपी के सामने इस बार हिसार संसदीय क्षेत्र में हर हार के बाद जीत हासिल कर कमबैक करने के अपने खुद के ही ट्रैक रिकार्ड को बरकरार रखने की चुनौती है। 2009 में जेपी हिसार से लोकसभा चुनाव हारे थे। अब पूरे 15 साल बाद वह फिर हिसार के चुनावी दंगल में हैं। उनका मुकाबला चौ. देवीलाल के छोटे बेटे व भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला और देवीलाल परिवार की दो बहुओं के साथ है। जेपी हिसार में हर हार के बाद जीत के साथ कमबैक करने के रिकॉर्ड को बरकरार रखने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। उनके लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा चुनावी जनसभा कर चुके हैं। जेपी का कहना है कि 36 बिरादरी की जनता का जो समर्थन उन्हें चुनाव अभियान में मिल रहा है, उसे देखते हुए उन्हें भरोसा है कि वे हिसार में कमबैक करने में पूरी तरह से सफल रहेंगे।