ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 नवंबर
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जल्द करवाए जाएंगे। अभी हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के मद्देनजर वोट बनवाने की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
संशोधित विधेयक के तहत अब हरियाणा में गुरुद्वारों (गुरुघरों) व उनसे जुड़ी समस्त प्रॉपर्टी के विवादों का समाधान राज्य सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग में हो सकेगा। सरकार ने आयोग को पावरफुल बनाया है। इतना ही नहीं, इसे और शक्तियां प्रदान की गई हैं ताकि गुरुघरों में होने वाले संभावित वित्तीय विवादों का समाधान भी आयोग में ही हो सके। सरकार ने संवैधानिक रूप से आयोग को मजबूती प्रदान करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस (सेवानिवृत्त) के साथ-साथ जिला न्यायधीश को भी इसका अध्यक्ष बनाने की स्वीकृति प्रदान की है।
यहां बता दें कि हरियाणा में छह हजार एकड़ के लगभग जमीन गुरुद्वारा साहिबान के नाम है। इसी तरह से विभिन्न शिक्षण संस्थान, ट्रस्ट आदि हैं। इनमें से करीब 400 करोड़ रुपये सालाना आमदन होती है। इसी आय व वित्तीय लेनदेन को लेकर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के बीच कई साल से खींचतान चली आ रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के नेताओं का दावा है कि हरियाणा से सिर्फ 44 करोड़ रुपये की आमदनी होती है, जिसमें खर्च चलाना भी मुश्किल है।
हरियाणा के सिख नेताओं का कहना है कि यदि ऐसा है तो वह फिर हरियाणा के गुरुद्वारों में अपना हस्तक्षेप छोड़ने को क्यों तैयार नहीं होते हैं। मुख्यमंत्री सैनी की ओर से पेश किए गए विधेयक पर चर्चा के दौरान विधायकों ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के कई साल से लंबित चुनाव जल्दी कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिनियम के तहत हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग के गठन का प्रावधान हैं। इस न्यायिक आयोग के अध्यक्ष के लिए पहले यह व्यवस्था थी कि आयोग का अध्यक्ष जिला न्यायाधीश होगा।
यदि जिला न्यायाधीश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त नहीं किया जाता, तो तीन सदस्यों में से एक उनकी वरिष्ठता के क्रम में अध्यक्ष होगा। अब इस विधेयक में संशोधन के बाद सरकार ने यह प्रावधान कर दिया है कि न्यायिक आयोग का अध्यक्ष हाईकोर्ट का जज या जिला जज हो सकता है। साथ ही, अध्यक्ष पद के लिए अधिकतम 65 वर्ष आयु सीमा को भी हटा दिया है।
वोट बनवाने का काम है जारी
मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों की आशंका का समाधान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव पर कोई रोक नहीं लगाई है। चुनाव के लिए एक अलग कमेटी बनी हुई है, जो संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को देख रही है। मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि हाल ही में सिख समाज के लोगों ने उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने बताया था कि सिख समाज के लोगों के अभी वोट बनवाने का काम जारी है। अभी भी यह प्रक्रिया चल रही है। परंतु जल्द ही सरकार द्वारा चुनाव करवाए जाएंगे।