चंडीगढ़, 19 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा को अपना आधिकारिक राज्य गीत पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सूफी गायक कैलाश खेर द्वारा गाया गया ‘जय-जय-जय हरियाणा’ विधायकों को सुनाया गया। हालांकि, इसे अंतिम रूप देने के लिए नई कमेटी गठित की गई है।
संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा ने जानकारी दी कि रेवाड़ी के भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव की अगुवाई में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल और बलवान सिंह दौलतपुरिया, भाजपा के विनोद भ्याणा और इनेलो के आदित्य देवीलाल शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सुझाव दिया कि कमेटी में एक तकनीकी सदस्य भी जोड़ा जाना चाहिए। हरियाणा में राज्य गीत बनाने का विचार पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिया था। यह सुझाव प्रदेश की संस्कृति, रीति-रिवाज और गौरव को प्रदर्शित करने के लिए दिया गया था।
इन गीतों का हुआ चयन
1. ‘जय-जय-जय हरियाणा’: जिसमें हरियाणा की धरती, संस्कृति और इतिहास को दर्शाया गया।
2. ‘जय वीर धरा, जय धीर धरा’: हरियाणा की वीरता और धैर्य को उजागर करता गीत।
3. ‘जय हरियाणा, जय हरियाणा’: जिसमें हरियाणा की गौरवशाली परंपरा और ज्ञान के स्रोत होने का जिक्र है।
14 राज्यों के पास पहले से हैं राज्य गीत
देश के 14 राज्यों ने पहले ही अपने राज्य गीत अपनाए हैं। हरियाणा में भी इस पर जोर दिया जा रहा है ताकि प्रदेश की पहचान को सांस्कृतिक स्तर पर मजबूत किया जा सके। अब नई कमेटी के सुझावों के आधार पर राज्य गीत का अंतिम चयन किया जाएगा।