जींद, 17 दिसंबर (हप्र)
केंद्र सरकार द्वारा लड़की की शादी के लिए 21 वर्ष की आयु तय करने पर अखिल भारतीय नरवाल खाप ने नाराजगी जताई और इसे सरकार का असंवैधानिक व असामाजिक कदम करार दिया है। शुक्रवार को खाप के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणबीर नरवाल ने कहा कि जब 18 वर्ष का युवा अपने वोट द्वारा देश और प्रदेश की सरकार को चुनने का काम कर सकता है तो वह अपना जीवनसाथी का चुनाव क्यों नहीं कर सकता। लड़की 21 वर्ष में शादी करें, 18 वर्ष के उपरांत शादी करे या 50 वर्ष में शादी करें या अविवाहित रहे, यह लड़की का स्वयं का निर्णय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु के पश्चात लड़की का बौद्धिक विकास हो जाता है और उसमें इतनी समझ होती है कि वह अपनी ग्राम पंचायत से लेकर प्रदेश की विधानसभा व देश की संसद चुनने का काम करती है। रणबीर नरवाल ने पूछा कि क्या सरकार के पास इस प्रकार का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है कि 18 वर्ष के बाद अगर लड़की की शादी कर दी जाती है तो उसका शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास रुक जाता है। किसी परिस्थिति के कारण 18 वर्ष के बाद जो बच्चियां आगे नहीं पढ़ पाती और शादी करना चाहती हैं तो उनको 3 वर्ष तक इस कानून के भय से इंतजार करना पड़ेगा।
‘अहम मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास’
रणबीर नरवाल ने कहा कि इस प्रकार के बिल पास करना केवल लोगों का अहम मुद्दों से ध्यान हटाने का जरिया मात्र है। अगर सरकार लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच रखती है तो उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत है। आज परिस्थिति यह है कि बहुत सी बच्चियां इस कारण से नहीं पढ़ पाती क्योंकि उनके पास साधन की व्यवस्था नहीं है। वह घर से अच्छे स्कूल और कॉलेज तक चली जाए तो सरकार के पास बसों की समुचित व्यवस्था नहीं है। जिस कारण ग्रामीण परिवेश की लड़कियां उच्च शिक्षा नहीं ले पाती। इसके लिए सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिए एक अलग कोष की स्थापना करें।