विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 1 मई
गीता उपदेश और महाभारत युद्ध की स्थली धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने के लिए केंद्र तथा हरियाणा सरकार कई योजनाएं बनाती रहती हैं। आलम तो यह है कि परियोजनाओं का खाका चारों ओर है, लेकिन आपाधापी में इन सब पर पलीता लग रहा है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को कई सौ करोड़ों की योजनाओं को पूरा करने के लिए कहा गया है। ऐसी ही कई परियोजनाओं में से एक, वार फोर्मेशन (महाभारत समर में सेनाओं की व्यूह-रचना) का काम अप्रैल 2019 में पूरा हो गया, लेकिन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड इस परियोजना को लगभग 3 साल पूरे होने पर भी जनता को समर्पित नहीं कर पाया। वह अन्य परियोजनाओं पर काम करने लगा। उसका मामला ‘आगे दौड़ पीछे छोड़’ जैसा चल रहा है।
महाभारत समर में सेनाओं की व्यूह-रचना नामक यह परियोजना ब्रह्मसरोवर के तट पर मेडिटेशन सेंटर के साथ लगती आधा एकड़ भूमि पर लगभग 50 लाख रुपये की लागत से तैयार की हुई है। 3 सालों से उद्घाटन न होने के कारण हालत इतनी खराब हो गई है कि आवारा पशु परिसर में घूमते रहते हैं। बाहर बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े हैं। सारे परिसर में झाड़-झंकाड़ उग आए हैं। परियोजना परिसर पर गंदगी का अंबार है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि इस परियोजना को कड़ी मेहनत करके, सेना के अधिकारियों तक से बातचीत करके तैयार किया गया है। इसे शीघ्र जनता को समर्पित किया जाना चाहिए। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सौरभ चौधरी भी यही राय रखते हैं।
यह है थीम
केन्द्रीय सरकार के पर्यटन मंत्रालय की यह महत्वाकांक्षी परियोजना आम जनता को महाभारत युद्ध के 18 दिनों की जानकारी देने के लिए है। इसमें तत्कालीन भारतीय युद्ध कौशल को दर्शाते हुए सैन्य विन्यास, सैन्य गठन और संचालन युद्ध सिद्धान्तों और गुप्त व दिव्य अस्त्र-शस्त्रों की विविधताओं को संदर्भित किया गया है। सेनाओं के प्रकार, सैन्य गठन, आक्रामकता व सुरक्षात्मक अस्त्र-शस्त्रों के प्रकार, प्रक्षेपास्त्र, सेना अभियान और प्रशिक्षण, किलेबंदी और शासन कला, अस्त्र-शस्त्र के रखरखाव तथा युद्ध नीति के नियमों आदि की महाभारत के विभिन्न ग्रन्थ के विभिन्न पर्वाें इत्यादि की विस्तृत जानकारी दी गई है। अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाने की स्थिति को भी दर्शाया गया है।
बोर्ड भी नजर नहीं आता
कृष्णा सर्किट से संबंधित 3831 लाख रुपये की परियोजनाओं के बारे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा ब्रह्मसरोवर के तट पर जो बोर्ड लगाया हुआ है वह भी किसी को नजर नहीं आता। बोर्ड के ठीक सामने कुछ लोगों ने रेहड़ियां लगाई हुई हैं।
”एक बार तो इस परियोजना को शुरू कर दिया गया था, लेकिन फिर कोविड के कारण मामला अटक गया। अब इसे जनता को समर्पित करने
की तैयारी की जा रही है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कुछ विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई हुई है। आॅडियो गाइड का प्रबंध किया जा रहा है। ”
-अभिनव मेहता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी- कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड