विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 30 अक्तूबर
शिक्षा, खेल व संस्कृति के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सबसे श्रेष्ठ है। अपनी लोक संस्कृति के संरक्षण में तथा उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जिस तरह से विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है, निश्चित तौर पर आने वाले समय में पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सबसे श्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनकर उभरेगा। ये विचार एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ. बीवी रमणा रेड्डी ने सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव के तीसरे दिन मुख्यातिथि के रूप में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रत्नावली महोत्सव से युवाओं को संस्कृति, संस्कार देने का कार्य कर रहा है। विश्व में जिस प्रकार से सबसे श्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप नालंदा व तक्षशिला की पहचान थी, उसी प्रकार आने वाले समय में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पहचान होगी। उन्हें बड़ा अच्छा लगता है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के कुशल मार्गदर्शन में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए जहां कार्य कर रहा हैं वहीं अपने प्रदेश की लोक संस्कृति, परम्परा, रीति-रिवाज व संस्कारों को सहेजने का प्रयास रत्नावली के माध्यम से कर रहा है।
इससे पूर्व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, युवा एव सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने प्रो. बीवी रमणा रेड्डी, फिल्मी अभिनेता सुधीर पांडे, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठन सचिव धनपत राम अग्रवाल, डीवाएसीए के पूर्व निदेशक अनूप लाठर, हरियाणवी गायक जगबीर राठी, जजपा नेता जसविन्द्र खैरा, सेवा सिंह, महेश जोशी का रत्नावली समारोह में पहुंचने पर स्वागत व अभिनंदन किया। बॉलीवुड अभिनेता सुधीर पांडे ने अपने जीवन के संघर्ष के बारे बोलते हुए कहा कि संघर्ष ऐसी चीज है जिसका कोई अंत नहीं होता। कुछ हासिल करो तो उसको बचाने का संघर्ष, जीवित रहने का संघर्ष, उम्र जैसे बढ़ती है तो लिमिटेशन के साथ जीने का संघर्ष तो संघर्ष को कोई अंत नहीं है। हरियाणा के सुप्रसिद्ध कलाकार जगबीर राठी ने हरियाणा संस्कृति के बारे में बताया। केयू के डीवाएसीए के पूर्व निदेशक डॉ. अनूप लाठर ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को रत्नावली के आयोजन के लिए बधाई दी। जजपा नेता जसविन्द्र खैरा ने कहा कि रत्नावली महोत्सव कलाकारों की प्रयोगशाला है।