हिसार, 28 जनवरी (निस)
लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) में महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की 155वीं जयंती पर छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा बृहस्पतिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह व लुवास के अन्य अधिकारियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम में कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह ने लाला जी द्वारा किए गए कुछ विशेष कार्यों को याद किया। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशक डॉ. त्रिलोक नंदा ने लाला लाजपत राय की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लाला जी की कर्मभूमि हिसार शहर भी रहा है और इसी शहर में उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवनकाल के दौरान वकालत की प्रैक्टिस की व दयानंद एंग्लो वैदिक स्कूल की स्थापना की।
इस अवसर पर अधिष्ठाता कॉलेज ऑफ वेटरनरी साईंस डॉ. दिवाकर शर्मा, अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल, एचआरएम निदेशक डॉ. निर्मल सांगवान आदि उपस्थित रहे।
रोहतक, हिसार में की थी वकालत
गोहाना (निस) : पंजाब केसरी लाला लाजपत राय अपने समय के नामी-गिरामी वकील थे। तब के संयुक्त पंजाब में उन्होंने हिसार और रोहतक में भी वकालत की थी। बृहस्पतिवार को यह खुलासा आजाद हिन्द देश भक्त मोर्चे के संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने किया। वह लाला लाजपत राय की 155वीं जयन्ती पर शहीद मदन लाल धींगड़ा पार्क में हुए श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य सम्बोधन कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शहीद मदन लाल धींगड़ा पार्क सुधार समिति के अध्यक्ष जगदीश चिन्दा ने की।
इस अवसर पर रिसाल सिंह रोहिल्ला, सोमनाथ बेडवाल, बल्लू राम रहबारी व बबीता देवी आदि उपस्थित रहे।
‘पहले स्वदेशी बैंक की रखी थी नींव’
भिवानी (हप्र) : यहां आज विभिन्न सामाजिक संगठनों ने स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती मनाई व उन्हें श्रद्धांजलि दी। युवा कल्याण संगठन के पदाधिकारियों ने भी स्थानीय लाला लाजपत राय चौक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। संगठन के संरक्षक कमल प्रधान ने कहा कि लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी की उपाधि मिली। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक के नाम से पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखी थी। लाला लाजपत राय ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ मिलकर कांग्रेस के भीतर गरम दल की मौजूदगी दर्ज कराई। साल 1928 में साइमन कमीशन लाहौर पहुंचा तो लाला जी के नेतृत्व में इस काले झंडे दिखाए गए। ब्रिटिश पुलिस ने शांतिपूर्ण भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हो गए। लाला लाजपत राय ने कहा था कि उनके शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश राज के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय का निधन हो गया।
आजादी की अलख जगाने में बड़ा योगदान
नूंह/मेवात (निस) : मां भारती के वीर सपूत लाला लाजपत राय की जयंती के मौके पर आज उन्हें याद कर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि दी गई। तावडू उप मंडल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नम्बरदार सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि लाला जी ने आजादी की अलख जगाने में अविस्मरणीय योगदान दिया था। वे गर्मदल के नेता के तौर पर सदैव याद किये जाएंगे। इस मौके पर महासचिव वेदप्रकाश अदलखा, केएल तनेजा, सुभाष चंद आदि मौजूद रहे। दूसरी तरफ अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा की तरफ से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में बने कीर्ति स्तम्भ पर पुष्पांजलि भेंट की।
लाला जी ने राष्ट्रवाद को मजबूती से खड़ा किया
सोनीपत (हप्र) : मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि लाला लाजपत राय ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ राष्ट्रवाद को मजबूत करने के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें आज युवाओं को बताना होगा कि राष्ट्र प्राथमिकता के लिए किस प्रकार हमारे शहीदों ने अपना सर्वस्व त्यागा है। यहां गुड़ मंडी परिसर में लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए राजीव जैन ने ये विचार व्यक्त किये। इस मौके पर मार्किट कमेटी के पूर्व वाइस चेयरमैन संजय वर्मा, नगर पार्षद अतुल जैन, प्रदीप बंसल, राजीव अग्रवाल, नवीन मंगला, सुजीत कुमार, सुरजीत दहिया, सुरेन्द्र नैन भी मौजूद रहे।
लाला लाजपत राय को पुष्पांजलि
हिसार (हप्र) : जिला बार एसोसिएशन हिसार में लाला लाजपत राय के जन्म दिवस पर उनको पुष्पांजलि अर्पित की गई। बार के प्रधान मनदीप बिश्नोई ने बताया कि लाला लाजपत राय यहां 1886 से 1892 तक रहे। 1889 में नगरपालिका के पहले सचिव बने थे। हिसार से ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा। महान स्वाधीनता सेनानी लाला लाजपत राय आधुनिक हिसार के विकास के सूत्रधार रहे हैं।
वो हिसार बार 1886 से 1892 तक 6 साल सदस्य रहे। उनके नाम से हिसार बार को लाल लाजपत राय की बार कहा जाता है।