करनाल, 16 अप्रैल (हप्र)
करनाल के गांव जलाला विरान के किसान रिछपाल सिंह की जमीन की ई- नीलामी हो गई और किसान को पता भी नहीं चला। प्रशासन जब कब्जा दिलवाने पहुंचा तो बेहाल किसान खेत में बैठ कर रोने लगा। इस घटना के बाद लामबंद हुए किसानों ने ऐलान कर दिया कि वह जान दे देंगे लेकिन बैंक के साथ साठगांठ करके किसान की जमीन को हथियाने का प्रयास कर रहे नेता को खेत में पांव नहीं रखने देंगे। भाकियू छोटूराम गुट के अध्यक्ष जगदीप औलख ने कहा कि इस मामले में बैंक ने धोखा किया है और और इसमें पानीपत के जजपा नेता का भी हाथ है। उन्होंने कहा कि किसान को कभी कोई नोटिस नहीं मिला।
डेयरी फार्मिंग के लिए लिया था लोन
भाकियू अध्यक्ष के अनुसार जलाला विरान निवासी किसान ऋषपाल सिंह ने कई साल पहले जमीन पर इलाहाबाद बैंक से डेयरी फार्मिंग के लिए 11 लाख का लोन लिया था। इसकी किसान ने 70-70 हजार की चार किस्तें भी चुकाई। लेकिन बीमारी के कारण किसान के कई पशु मर गए। घाटा पड़ने पर लोन की किस्त टूट गई। आरोप है कि बैंक ने चुपचाप जमीन की नीलामी किसी जजपा नेता के चहेते के नाम कर दी। किसान ने कहा कि सवा दो एकड़ जमीन रेट के हिसाब से एक करोड़ की बनती है जबकि जमीन को महज 17 लाख में बिना सूचना नीलाम किया गया। विरोध के चलते कब्जा कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई।
राष्ट्रीय किसान पंचायत में रखेंगे मामला
गांव में दिनभर मचे बवाल के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तो वापस लौट गये लेकिन भाकियू टिकैत गुट ने मामले को कल यूपी के सिसोली में होने जा रही राष्ट्रीय किसान पंचायत में रखने का ऐलान करते हुए सोमवार को करनाल में भी किसान पंचायत बुला ली है। वहीं, भाकियू छोटूराम ने भी संघर्ष का ऐलान कर दिया है। भाकियू टिकैत के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि समय पर कर्ज नहीं चुकाने की एवज में किसानों की जमीन की नीलामी नहीं होने दी जाएगी। ई नीलामी की आड़ में हुए षड्यंत्र का पर्दाफाश किया जाएगा।