घरौंडा, 10 जनवरी (निस)
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि यह आज तक का पहला आंदोलन है जो किसानों को छूट देने पर किया जा रहा है। कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं, जो व्यक्ति इनका विरोध करता है, उसे सरकार के साथ डिबेट करनी चाहिए। शिक्षा मंत्री रविवार को कैमला गांव में आयोजित किसान महापंचायत के अवसर पर अपने विचार रख रहे थे। सीएम के आने से पहले भाजपा नेता एवं मंत्री अपनी बात रख रहे थे। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि यूनियन व विपक्ष अपने कागज लेकर आए कि उनके राज में किसने एमएसपी बढ़ाया और किसने नहीं और किस राज में गेहूं और धान के अलावा सबसे ज्यादा फसल खरीदी गई। उन्होंने कहा कि राजस्थान और पंजाब में आज भी कांग्रेस सरकार है, वह क्यों नहीं गन्ने का मूल्य 350 रुपये क्िवंटल करते। हरियाणा में किसान को प्रति एकड़ 12 हजार रुपये मुआवजा दिया जाता है, जबकि कांग्रेस वाले 8 हजार रुपये प्रति एकड़, फिर भी विरोध क्यों।
विधायक पानीपत ग्रामीण महिपाल ढांडा ने कहा कि किसान कृषि बिल सरकार हितैषी बिल है, कुछ लोग इन पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप ने भी कृषि कानूनों का समर्थन किया। पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए जो कार्य किया है, वह आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया है। पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने कहा कि किसानों की आजादी के लिए तीन कानून हैं। वहीं घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि कैमला गांव की किसान महापंचायत लोगों की जीत और पुलिस प्रशासन की नाकामी है।
शिक्षामंत्री को दिखाए काले झंडे
यमुनानगर (हप्र): शिक्षामंत्री कंवर पाल गुर्जर के निवास से लेकर करनाल कार्यक्रम स्थल तक हर जगह पुलिस का पहरा लगा, उसके बाद भी औरंगाबाद हाईवे के नजदीक किसानों ने शिक्षामंत्री को काले झंडे दिखाए और जमकर नारेबाजी की।