चंडीगढ़, 17 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पारित संशोधित पंजाब आबकारी अधिनियम में कानूनी अड़चन आ गई है। संशोधित कानून में आबकारी से जुड़े अपराध में दो साल की सजा के मामलों को भी गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है। कानून के जानकारों के अनुसार राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने विधेयक को खुद ही स्वीकृत कर दिया, जबकि इस तरह के बदलाव सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी से हो सकते हैं। संशोधित पंजाब आबकारी कानून की कुछ धाराओं में संशोधन कर न केवल कारावास की अवधि को बढ़ाया गया है, बल्कि कुछ नई उपधाराएं जोड़कर नए अपराध और उनके लिए कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। इसी कड़ी में पूर्णतया संशोधन कर डाली गई धारा-72 में उल्लेख है कि दो वर्ष या इससे अधिक के कारावास के मामलों में दंडनीय सभी अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होंगे।