चंडीगढ़, 5 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक शुक्रवार को होगी। सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। प्रदेश की नई एक्साइज (शराब) नीति पर बैठक में मुहर लग सकती है। एक्साइज पॉलिसी को लेकर विभाग की अंतिम चरण की बैठकें हो चुकी हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की शराब के रेट बढ़ाने का विचार नहीं है। अलबत्ता मेक-इन-इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ कैटेगरी की शराब की कीमतों में कमी हो सकती है।
सूत्रों का कहना है कि नई पॉलिसी में शराब की दुकानों की संख्या घटाई जा सकती है। अभी तक चल रही पॉलिसी के तहत प्रदेशभर में शराब की कुल 2600 के करीब दुकानें खुल सकती थीं। इन पॉलिसी में इनकी संख्या 2500 से अधिक नहीं होगी। इसी तरह से अभी तक प्रदेश में हर जोन में दो ठेके थे। अब एक जोन में ठेकों की संख्या बढ़ाकर 4 की जा सकती है। यानी 625 के करीब जोन प्रदेशभर में बनाए जा सकते हैं। शहरी ठेकों में वेंडर (ठेके) के साथ सब-वेंडर की मंजूरी नहीं पॉलिसी में नहीं मिलेगी। हालांकि गांवों में सब-वेंडर की पॉलिसी लागू रह सकती है। विदेश से इम्पोर्ट होने वाली शराब के मुकाबले इंडिया में ही बनी विदेशी शराब को बढ़ावा देने के लिए परमिट फीस में कटौती संभव है। ऐसा इसलिए भी किया जा सकता है क्योंकि सरकार ‘मेक-इन-इंडिया’ को बढ़ावा दे रही है। उन गांवों में ठेके नहीं खुलेंगे, जिन गांवों की पंचायतों की ओर से इसके लिए प्रस्ताव आए हुए हैं। कोरोना काल के चलते शराब ठेके बंद भी रहे और बिक्री पर भी असर हुआ, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में राजस्व में इजाफा हुआ है। खट्टर पार्ट-। में जब कैप्टन अभिमन्यु प्रदेश के आबकारी एवं कराधान मंत्री थे तो 2018-19 में 5566 करोड़ 22 लाख रुपये और 2019-20 में 5794 करोड़ 90 लाख रुपये राजस्व एक्साइज पॉलिसी से आया था।
इसलिए लेट हुई पॉलिसी
दरअसल, पिछले साल कोविड-19 की वजह से पुरानी पॉलिसी को ही लागू किया गया था। नई एक्साइज पॉलिसी 12 जून, 2020 से लागू हुई थी, जो 11 जून तक लागू रहेगी। शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में अगर नई पॉलिसी पर मुहर लगती है तो फिर 12 जून से राज्य में नई पॉलिसी लागू होगी।