फरीदाबाद, 24 अक्तूबर (हप्र)
मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर लोगों की समस्याएं नियमित रूप से सुनने के फैसले को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नगर निगम के निर्वतमान पार्षद अजय बैंसला ने ऐतिहासिक और सराहनीय बताया है। यह पहल जनता को सीधे मुख्यमंत्री से संवाद करने और अपनी समस्याएं प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
अजय बैंसला ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद प्रदेश की जनता के साथ सीधे संपर्क स्थापित करने की जो परंपरा शुरू की है, वह लोकतंत्र में जनहित की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
संत कबीर कुटीर, जो मुख्यमंत्री आवास है, अब हर वर्ग के लोगों के लिए खुला है। यहां मुख्यमंत्री सभी से पूरे सम्मान और संवेदनशीलता के साथ मिलकर उनकी बातें सुनते हैं और तत्काल समाधान भी सुनिश्चित करते हैं।
फरीदाबाद व पलवल जिलों से भी बड़ी संख्या में आम जनता ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से आम रूप से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा है। अजय बैंसला ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह प्रयास न केवल जन समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायक है, बल्कि यह शासन और जनता के बीच विश्वास को भी मजबूत करता है। अजय बैंसला ने बताया पहले कार्यकाल की तरह इस बार भी प्रदेशभर से लोग लगातार संत कबीर कुटीर पहुंच रहे हैं और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी परेशानियों का हल पा रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह व्यक्तिगत संपर्क लोगों को प्रशासन के करीब ला रहा है। अजय बैंसला ने मुख्यमंत्री के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल लोगों की समस्याओं को सुनने और समाधान करने की सरकार की सेवा नीति का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह के जनहितकारी कदम प्रदेश की तरक्की और जनता के कल्याण में मील का पत्थर साबित होंगे।
कट के लिए एक साल से परेशान थे ग्रामीण
पिछले एक साल से ग्रीन एक्सप्रेस-वे पर मोहना कट बनवाने की मांग कर रहे ग्रामीणों की समस्या को दूर करने पर अजय बैंसला ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर कई महीनों से इस समस्याओं को हल करवाने में लगे हुए थे। इसको लेकर वह कई बार केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल, मुख्यमंत्री नायब सैनी व एनएचआईए के अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में थे। जिसके चलते इस कट को देकर किसानों को दीवाली का तोहफा दिया है।