भिवानी, 27 जून (हप्र)
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा ने रविवार को सीटू के बैनर तले जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
धरने को संबोधित करते सीटू जिला प्रधान राममेहर सिंह ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मियों की मांगों को लेकर 20 फरवरी को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ वार्ता हुई। वार्ता में शहरी सफाई कर्मियों के बराबर वेतन देने, महंगाई भत्ता देने, झाड़ू भत्ता तय करने, वर्दी धुलाई भत्ता तय करने, काम के बाकी औजार बीडीपीओ ब्लॉक से खरीद कर देने आदि मसलों के समाधान के लिए पत्र जारी करने की सहमति बनी थी लेकिन सरकार ने उनका आज तक कोई समाधान नही किया गया। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा उप मुख्यमंत्री के नाम अपना ज्ञापन देते हुए ऐलान किया है कि 10 जुलाई तक उप मुख्यमंत्री यूनियन के साथ वार्ता करके मांगों का समाधान करें, अन्यथा प्रदेश भर के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारी 17-18 जुलाई को सिरसा में उप मुख्यमंत्री आवास पर राज्य स्तरीय महापड़ाव डालकर अपने आन्दोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे। धरने को यूनियन के जिला प्रधान राजबीर सिंघानी, उपाध्यक्ष सुरेश कुमार, उपप्रधान सुरेश कुमार राममेहर सिंह आदि ने संबोधित किया। व सीटू जिला सचिव अनिल कुमार, बाला, सुनीता, संजय जीतपुरा, मनफूल सिंह आदि ने संबोधित किया।
झज्जर में सफाई कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
झज्जर (हप्र) : मांगों को लेकर रविवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कर्मचारियों ने झज्जर जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। बाद में शहरभर में प्रदर्शन करते हुए यह सफाई कर्मचारी यहां लघु सचिवालय पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन सीएम के नाम एसडीएम शिखा को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि सरकार विस मेें बिल लाकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को नियमित करे और जब तक कर्मचारियों को नियमित न किया जाए तब तक सभी कर्मचारियों को 24 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए। सीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि सरकार उनके वेतन भत्ते को महंगाई के आंकड़ों से जोड़े और प्रत्येक 6 माह में महंगाई अनुसार उनका वेतन बढ़ाया जाए।
फरीदाबाद में किया प्रदर्शन
फरीदाबाद (हप्र) : ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर रविवार को प्रदर्शन किया। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान दिनेश पाली ने की जबकि संचालन जिला सचिव महेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर और मिड डे मील की प्रधान कमलेश भी उपस्थित रहे। उन्होंने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के आंदोलन को पूर्ण रूप से समर्थन देने का ऐलान किया और सरकार से आग्रह किया कि उनकी लंबित मांगों का समाधान किया जाए।
कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को मांगों का ज्ञापन भी भेजा गया। यूनियन की मुख्य मांग है कि सफाई कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। इसके लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाकर नयी नीति का निर्माण किया जाए। जब तक कर्मचारी रेगुलर नहीं होते हैं। तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। वेतन बढ़ोतरी को महंगाई के आंकड़ों के साथ जोड़ा जाए। जैसे ही महंगाई की दरों में बढ़ोतरी होती है। उसी हिसाब से ग्रामीण सफाई कर्मचारी के वेतन में भी बढ़ोतरी की जाए।
सरकारी बेगार के खिलाफ डालेंगे महापड़ाव : सीटू
रोहतक (हप्र) : ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के बैनर तले ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ रोष जताया। यूनियन ने तहसीलदार जीवेन्द्र के माध्यम से उप मुख्यमंत्री के नाम अपना ज्ञापन देते हुए ऐलान किया कि 10 जुलाई तक यूनियन के साथ वार्ता करके मांगों का समाधान करें अन्यथा प्रदेश भर के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारी 17-18 जुलाई को सिरसा में उप मुख्यमंत्री आवास पर राज्य स्तरीय महापड़ाव डालकर अपने आन्दोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे। प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन के विजय ने की तथा संचालन जगमेन्द्र ने किया।
डिप्टी सीएम के नाम नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
जींद (हप्र) : सीटू से संबंधित ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर रविवार को जिलेभर के ग्रामीण सफाई कर्मचारी शहर के नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और यहां जिला प्रधान कृष्ण मोरखी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया। इसके बाद प्रदर्शन करते हुए शहर के बस स्टैंड के पास पहुंचे और डिप्टी सीएम के नाम नायब तहसीलदार को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में मांग की गई कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को स्थार्ई कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, जब तक रेगुलर कर्मचारी ना हों तब तक न्यूनतम 24 हजार रुपये मासिक वेतन तय करने, वेतन बढ़ोतरी को महंगाई के आंकड़ों के अनुसार जोड़ने की मांग की।