दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 अक्तूबर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय बिजली व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर का प्रभाव भी विधानसभा चुनावों में साफतौर पर देखने को मिला। मनोहर न केवल अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रहे, अपितु उनकी पसंद के उम्मीदवार भी सफल रहे। वहीं दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपने गढ़ में ही शिकस्त मिली। झज्जर व रोहतक में 2019 जैसे चुनाव परिणाम हुड्डा के लिए रहे।
सोनीपत जिले ने हुड्डा को निराश किया। वहीं, भिवानी, दादरी, हिसार, जींद व पानीपत जिलों ने भी कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया। झज्जर की चार सीटों में से तीन पर कांग्रेस जीती। झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से डॉ. रघुबीर सिंह कादियान और बादली से कुलदीप वत्स चुनाव जीते हैं। लेकिन बहादुरगढ़ में कांग्रेस के राजेंद्र सिंह जून बुरी तरह हारे। निर्दलीय राजेश जून ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। रोहतक की चारों सीटों पर भी हुड्डा का प्रभाव दिखा। गढ़ी-सांपला-किलोई से हुड्डा खुद, महम से बलराम दांगी, कलानौर से शकुंतला खटक और रोहतक से भारत भूषण बतरा चुनाव जीते हैं। सोनीपत की छह सीटों में से कांग्रेस को एक ही सीट मिली। बरोदा में इंदूराज नरवाल ‘भालू’ भी बड़ी मुश्किल से चुनाव जीत पाए हैं। यहां के तीन मौजूदा विधायकों- खरखौदा में जयवीर सिंह वाल्मीकि, सोनीपत में सुरेंद्र पंवार व गोहाना में जगबीर सिंह मलिक चुनाव हार गए। वहीं गन्नौर में कांग्रेस के कुलदीप शर्मा और राई में जयभगवान आंतिल को भी हार का मुंह देखना पड़ा। इसी तरह जींद में कांग्रेस की उम्मीदों से उलट नतीजे आए हैं। यहां की पांच में से तीन-चार सीटों पर कांग्रेस जीत तय मानकर चल रही थी। लेकिन जुलाना से अकेले विनेश फोगाट जीती हैं। विनेश फोगाट की जीत भी इसलिए फीकी हो गई क्योंकि जीत का अंतर बहुत कम है। विनेश को टिकट तो इसलिए दिया था कि इसका प्रभाव पूरे जींद में पड़ेगा।
जींद शहर से डॉ. कृष्ण मिढ्ढा फिर जीत गए। वहीं, उचाना कलां में भाजपा के देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को, सफीदों में रामकुमार गौतम ने मौजूदा विधायक सुभाष गांगोली को और नरवाना में पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने कांग्रेस के सतबीर दबलैन को चुनाव हराया। हिसार की सात सीटों में से कांग्रेस तीन जगहों पर जीती है। नारनौंद से जस्सी पेटवाड़, उकलाना से नरेश सेलवाल और आदमपुर से चंद्र प्रकाश विधायक बनने में सफल रहे हैं। दादरी में भाजपा के सुनील सतपाल सांगवान ने कांग्रेस की मनीष सांगवान और बाढ़डा में भाजपा के उमेद पातूवास से कांग्रेस के सोमबीर सिंह श्योराण को धूल चटा दी। भिवानी जिला में भी कांग्रेस केवल एक ही सीट जीत पाई। लोहारू से कांग्रेस के राजबीर सिंह फरटिया भी मामूली अंतर से ही भाजपा के जेपी दलाल को हरा पाए हैं। वहीं भिवानी शहर में भाजपा के घनश्याम सर्राफ, तोशाम में श्रुति चौधरी और बवानीखेड़ा में कपूर सिंह वाल्मीकि ने जीत हासिल की है। पानीपत की चारों सीटें भाजपा के खाते में गईं।
केपी गुर्जर का भी बढ़ा कद : केंद्रीय मंत्री व फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर का कद भी इन चुनावों ने बढ़ा दिया है। उनके क्षेत्र के नौ हलकों में से भाजपा सात पर जीती। चार सीटों पर गुर्जर की पसंद से टिकट दिए गए थे। इतना ही नहीं, केपी गुर्जर के कहने पर भाजपा ने होडल से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान के मुकाबले हरेंदर सिंह रामरतन को टिकट दिया था।
अहीरवाल में इंद्रजीत का जादू
अहीरवाल बेल्ट की सीट पर एक बार फिर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का जादू चलता दिखा है। इस बार भाजपा ने उनकी पसंद से आठ नेताओं को टिकट दिए थे। उनकी पसंद के सभी उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। उनकी खुद की बेटी आरती सिंह राव अटेली से, अनिल ढहीना कोसली से, ओमप्रकाश यादव नारनौल से, लक्ष्मण सिंह यादव रेवाड़ी से, डॉ. कृष्ण कुमार बावल से, बिमला चौधरी पटौदी से, तेजपाल तंवर सोहना से और पंडित मुकेश शर्मा गुरुग्राम से चुनाव जीते हैं। अहीरवाल में भाजपा केवल नांगल-चौधरी में चुनाव हारी हैं। यहां से मौजूदा विधायक अभय सिंह यादव को कांग्रेस की मंजू चौधरी ने चुनाव हराया है।