शाहाबाद मारकंडा, 20 अगस्त (निस)
पिछले तीन दिनों से मारकंडा नदी में आ रहा बरसात के पानी का जलस्तर देर रात को 19 हजार क्यूसिक तक पहुंच गया और बृहस्पतिवार सुबह पानी का जलस्तर कम होना शुरू हो गया। समाचार लिखे जाने तक मारकंडा नदी में 15 हजार क्यूसिक पानी बह रहा था। बाढ़ के पानी ने अनेक गांवों व बस्तियों में मार की है तथा फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं तथा पशुओं का चारा तो बिल्कुल समाप्त हो गया है।
गांव पट्टी झामड़ा के कुलदीप सिंह चीमा ने कहा कि अरूप नगर, दयाल नगर, फौजा सिंह काॅलोनी, गुमटी व मलिकपुर में साढ़े तीन सौ से साढ़े चार सौ एकड़ भूमि पूर्णतया बाढ़ के पानी में डूब गई है। इसी के साथ गांव कठवा में भी सड़कों पर पानी बह रहा है। गेज रीडर रोशन लाल ने बताया कि अब पानी उतरना शुरू हो गया है, लेकिन आज रात को पहाड़ों पर भारी बरसात की चेतावनी दी गई है, जिससे दोबारा पानी आने की संभावना है। दूसरी ओर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। एसडीएम डॉ. किरण सिंह ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में कई दिनों से हो रही तेज वर्षा के कारण मारकंडा नदी में जलस्तर बढ़ गया है। मारकंडा नदी का पानी गांव कलसाना, मलिकपुर, गुमटी, कठवा, मुगलमाजरा के इलाकों में मार करता है और फसलों को नुकसान पहुंचाता है। मारकंडा नदी में पहाड़ों के पानी के साथ-साथ काला अंब व सढौरा नदी तथा वेघना नदी का भी पानी पहुंचता है।
मकान की छत गिरी, परिजन बाल-बाल बचे
यमुनानगर (हप्र) : कांसापुर के शिवपुरी कॉलोनी में एक मकान की छत गिरने से परिजन बेघर हो गए। इसी के चलते घर में रहने वाली आंगनवाड़ी वर्कर को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल दाखिल कराया गया है। महिला की लड़की मनीषा ने बताया कि पिछले कई दिनों से बारिश हो रही थी और उनके मकान की छत कच्ची थी, जो बारिश के चलते गिर गई। मनीष ने बताया कि उसके पिता शुगर के मरीज हैं और उनकी कोई नौकरी भी नहीं है। मम्मी के सहारे घर का खर्चा चलता है। उन्होंने अपना बीपीएल का कार्ड बनाने के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया हुआ है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।