चंडीगढ़, 22 सितंबर (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े तीन नये कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने कदम उठाया है। मंडियों में कपास और बारीक धान पर मार्केट फीस ग्रामीण शुल्क में तीन गुणा कटौती की है। पहले इन दोनों फसलों पर 2 प्रतिशत मार्केट फीस और इतना ही ग्रामीण शुल्क कटता था।
इस बार मंडियों में मार्केट फीस और विकास शुल्क काे घटाकर आधा-आधा प्रतिशत किया है। इतना ही नहीं, लस्टर लॉस व आढ़तियों का देय बकाया जल्द जारी होगा। आगामी हर सीजन में मंडी में खरीद बंद होने पर 15 दिन के भीतर आढ़ती की दामी व लेबर की पेमेंट की जाएगी। देरी होने पर उस पर सरकार 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देगी। हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया।
सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अशोक गुप्ता, रजनीश चौधरी, रामावतार व सभी जिला प्रधान मौजूद रहे। बैठक में सीएम ने किसानों की 4 फसलों – धान, बाजरा, मूंग और मक्का की सरकारी खरीद के लिए गहनता से विचार-विमर्श किया। आढ़ती एसोसिएशन द्वारा आश्वासन दिया गया की व्यवस्था और बगैर बाधा सरकारी खरीद के लिए वो कटिबद्ध हैं। बैठक में बताया गया कि किसानों की फसल बेचने का शैड्यूल 7 अक्तूबर तक जारी कर दिया जाएगा।
आधार और फर्द के साथ हरियाणा के सीमांत जिले के जिन किसानों के हरियाणा के आढ़तियों के साथ व्यापारिक संबंध हैं, उसकी रजिस्ट्रेशन की जाएगी, लेकिन पंजीकरण/खरीद 15 अक्तूबर से होगी। फसल की पेमेंट का माध्यम चुनने का विकल्प किसान के पास होगा वो चाहे तो सरकार से सीधी पेमेंट प्राप्त करे या आढ़ती के माध्यम से। फसलों पर आढ़ती के बाबत खरीद कराने के लिए एक शिष्टमंडल केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों एवं संबंधित मंत्रियों से मुलाकात करके अपना पक्ष रखेगा।