अम्बाला शहर, 20 नवंबर (हप्र)
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह की माता गुजर कौर की 400 साला जन्म शताब्दी 22 नवंबर को बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाई जाएगी। समागम को लेकर एचएसजीएमसी के वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल की अगुवाई में गुरुद्वारा लखनौर साहिब पातशाही दसवीं अम्बाला शहर में एक अहम बैठक भी हुई। इसमें विभिन्न धार्मिक जत्थेबंदियों के पदाधिकारियों के साथ-साथ हरियाणा कमेटी के महासचिव सुखविंदर सिंह मंडेबर, मेंबर टीपी सिंह, मेंबर हरपाल सिंह कंबोज, इंदरजीत सिंह वासूदेवा साहा व राजिंद्र सिंह दोसड़का, धर्म प्रचार के सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, एडिशनल सेक्रेटरी कुलदीप सिंह भानोखेड़ी, मोहन सिंह तरुखेड़ा, मलकीत सिंह हैड ग्रंथी, ऐतिहासिक गुरुद्वारा मंजी साहिब के मैनेजर प्रितपाल सिंह, गुरुद्वारा लखनौर साहिब पातशाही दसवीं के मैनेजर अर्शदीप सिंह, सतनाम सिंह हैड ग्रंथी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
वरिष्ठ उप्रपधान सुदर्शन सिंह सहगल ने बताया कि समागम को लेकर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। उन्होंने धर्म प्रचार के प्रचारकों को भी समागम के प्रचार प्रसार करने के आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने गुरुद्वारा साहिब के परिसर में पुख्ता प्रबंध करने के दिशानिर्देश मैनेजर को दिए। सहगल ने बताया कि गांव लखनौर साहिब माता गुजर कौर का मायका है। जिला अंबाला के इस ऐतिहासिक गांव में गुरुद्वारा लखनौर साहिब पातशाही दसवीं सुशोभित है, जहां हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा 22 नवंबर को माता गुजर कौर की 400 साला जन्म शताब्दी समागम करवाया जाएगा। समागम में भाई अरविंदर सिंह नूर हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर साहिब, भाई गुरप्रीत सिंह लांडरा ढाडी जत्थे समेत अन्य पंथ प्रसिद्ध जत्थे संगत के दर्शन करेंगे।
उन्होंने बताया कि हरियाणा कमेटी द्वारा गुरु साहिबान के ऐतिहासिक दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाए जा रहे हैं। अभी पिछले सप्ताह ही गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व बड़े ही उत्साह एवं श्रद्धाभाव से मनाया गया है। गुरुद्वारा साहिब पातशाही पहली व दसवीं कपाल मोचन बिलासपुर, ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही पहली व छठी कुरुक्षेत्र, गुरुद्वारा मंजी साहिब अंबाला शहर, गुरुद्वारा मंजी साहिब करनाल, गुरुद्वारा मंजी साहिब पिंजौर सहित अन्य गुरुद्वारा साहिबान में गुरु नानक देव महाराज के प्रकाश पर्व पर महान गुरमत समागम करवाए गए हैं। इन समागमों में पंथ के प्रसिद्ध रागी ढाडी व कविशरी जत्थों ने संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा ऐतिहासिक पर्व बड़े ही श्रद्धा से मनाए जाएंगे।