चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)
शिक्षा विभाग की ओर से तीन जिलों में ट्रायल के तौर पर कर्मियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल (मेडिकल बिल) आनलाइन जमा होंगे। विभाग की ओर से मेडिकल बिलों का त्वरित भुगतान करने के लिए यह फैसला लिया है। पंचकूला, सिरसा और कुरुक्षेत्र में ट्रायल तौर पर ऑनलाइन बिलों की प्रक्रिया पहली जुलाई से शुरू होगी।
मौलिक शिक्षा महानिदेशक की ओर से तीन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि 30 जून के बाद भौतिक चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल जमा नहीं किए जाएंगे। मुख्यालय में कर्मियों के मेडिकल बिलों आने के बाद उनका सत्यापन किया जाता था। इसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती थी। कई बार मेडिकल बिलों में दस्तावेजों की कमी होने के चलते आपत्तियां लगाकर उन्हें वापस भेज दिया जाता। इससे मेडिकल बिल लंबे समय तक लटके रहते थे और दस्तावेजों की कमी के चलते बिलों के भुगतान में भी देरी होती थी।
यही नहीं, जिला कार्यालयों से आने वाले बिलों के समय पर न आने के चलते भी कर्मियों को भुगतान में देरी का सामना करना पड़ता था। यही नहीं कर्मियों बिलों के दस्तावेजों और जांच प्रक्रिया धीमी होने के चलते भी शिक्षकों, कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के बिलों की प्रतिपूर्ति करने के मामलों लटके रहते थे। शिक्षा विभाग ने मौजूदा पद्धति में बदलाव करते हुए तीन जिलों में आनलाइन बिलों को जमा कराने का ट्रायल शुरू किया है। यदि ट्रायल कारगर साबित हुआ तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
आईटी मॉड्यूल के जरिये जमा होंगे बिल
मौलिक शिक्षा निदेशक ने पंचकूला, सिरसा और कुरुक्षेत्र जिले के डीईओ, डीईओ और बीईओ को पत्र लिखकर स्पष्ट हिदायत जारी की है कि 30 जून के बाद किसी भी कर्मी का बिल भौतिक तौर पर नहीं लिया जाएगा। पहली जुलाई से तीनों जिलों में आनलाइन बिल जमा होंगे। इसके साथ ही दस्तावेजों के आधार बिलों के भुगतान की समयावधि निर्धारित की गई है। दो महीने के भीतर दस्तावेजों के समायोजन की अनुमति दी जाएगी।
नहीं काटने होंगे कार्यालय के चक्कर
मेडिकल बिलों के ऑनलाइन भुगतान से कर्मियों को बार-बार मुख्यालय के चक्कर काटने के झंझट से छुटकारा मिलेगा। जिला स्तर पर कर्मियों की मनमानी भी नहीं झेलनी पड़ेगी। कर्मी द्वारा आनलाइन बिल जमा कराने के बाद निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान किया जाएगा। जिला स्तर पर बढ़ रही कार्य की अत्याधिकता से भी छुटकारा मिलेगा। सिरसा, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में ट्रायल सफल रहने के बाद इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।