भिवानी, 7 जुलाई (हप्र)
आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री के डॉक्टरों की भारी कमी के संबंध में दिए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा यह बहुत शर्मनाक है। इससे साफ है भाजपा सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। लोगों को अस्पताल में मरने के लिए छोड़ दिया है। अगर पिछले दस साल में कुछ किया होता तो डॉक्टरों के लिए अच्छा माहौल बनाया होता तो आज प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं होती। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश की जनता का स्वास्थ्य भगवान भरोसे चल रहा है। हरियाणा में स्थिति इतनी भयावह है कि 2035 लोगों पर एक डॉक्टर है। वहीं प्रदेश में साढ़े 28 हजार डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि इसके आधे भी डॉक्टर रजिस्टर्ड नहीं हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में करीब साढ़े चार हजार डॉक्टर ही कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी के साथ न पर्याप्त उपकरण है। सीएचसी, पीएचसी में भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है। कई जगह इनके भवन जर्जर हालत में हैं। सरकार पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए जबरन बॉन्ड भरवा रही है, किसी की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदेश में केवल एक-दो सरकारी अस्पतालों को छोड़कर कहीं भी कैथ लैब और अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके साथ केंद्र सरकार भारतीय न्याय संहिता के तहत तुगलकी फरमान लेकर आई है। इसमें डॉक्टरों को सेक्शन 106(1) के तहत इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि देश के गृहमंत्री ने चिकित्सकों को सेक्शन 106 से बाहर रखने की बात कही थी।