हिसार, 23 जून (हप्र)
मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन ने बृहस्पतिवार को जमुना देवी की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया और शिक्षा विभाग के मार्फत हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा। सीटू नेता कामरेड सुरेश कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील वर्कर बच्चों को दोपहर का खाना बना कर खिलाती हैं, जिन्हें मात्र 3500 रुपये मासिक दिया जाता रहा है। यह भी एक साल में सिर्फ दस माह तक। मिड-डे मील की यूनियन द्वारा बार-बार आंदोलन करने के बाद अब हरियाणा सरकार ने 7000 प्रति महीना देने की घोषणा की है, लेकिन अब तक बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला है, जबकि शादी या अन्य सामाजिक कार्यों में महिलाएं खाना बनाने जाती है, तो 600 से 700 रुपये मिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि वहीं खाना बनाने का काम मिड-डे मील की महिलाएं भी करती हैं तो इनको कम वेतन क्यों। इसलिए हमारी मांग है कि हरियाणा सरकार द्वारा अभी 7000 प्रतिमाह देने की घोषणा का पैसा तुरंत महिलाओं के खाते में डाला जाए और न्यूनतम वेतन 24000 घोषित किया जाए। साथ ही साल में दो ड्रेस के 1200 रुपये दिए जाएं। वर्ष 2019 से बकाया ड्रेस का एरियर दिया जाए।
टर्मिनेट वर्करों व हेल्परों को बहाल किया जाए और दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। प्रदर्शन में सीटू नेता मनोज कुमार, भवन निर्माण यूनियन के नेता सुरेश शास्त्री नगर, संतोष खारिया, कमला आर्य नगर, नीलम मदनहेड़ी मौजूद रहे।