कुरुक्षेत्र, 9 नवंबर (हप्र)
गुरुकुल कुरुक्षेत्र से शिक्षा प्राप्त कर हजारों छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित किये हैं। कोई बड़ा उद्यमी बना तो कोई बड़ा डाक्टर है, किसी ने इंजीनियरिंग की है तो कोई वकालत के माध्यम से लोगों को न्याय दिलाने का कार्य कर रहा है। आप जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं, पूरी ईमानदारी से लगन से अपने कार्य को करते रहें, यही गुरुकुलीय शिक्षा का मूल है। ये शब्द गुरुकुल में ‘पूर्व छात्र मिलन सम्मेलन’ को
संबोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत ने कहे। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने संतोष के स्तर को विकसित कर लिया, उसे उन्नति के शिखर पर जाने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा कि आज बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारों की दीक्षा देना बेहद आवश्यक है, जो केवल गुरुकुलों के माध्यम से ही संभव है। ये गुरुकुल में मिले संस्कारों का ही प्रभाव है कि इतनी बड़ी संख्या में गुरुकुल के पूर्व छात्र देश के बड़े-बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र की उन्नति में सहयोग कर रहे हैं। समारोह में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के संरक्षक कन्हैयालाल आर्य, प्रधान देशबन्धु आर्य, गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डाॅ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, रामनिवास आर्य सहित भारी संख्या में पूर्व छात्र मौजूद रहे।
प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए आचार्य ने सभी पूर्व छात्रों को देशहित में प्राकृतिक कृषि को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि खेतों में कीटनाशक और पेस्टीसाइड का प्रयोग बंद नहीं हुआ तो भावी पीढ़ी के लिए न तो उपजाऊ जमीन बचेगी और न ही पीने योग्य पानी। लोगों को कैंसर, हार्ट अटैक, बीपी, शुगर जैसी जो बीमारियों हो रही हैं, वह इन्हीं पेस्टीसाइड और कीटनाशकों के कारण हैं, इन्हें तुरन्त बन्द करना चाहिए। राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व छात्रों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
डाॅ. विद्यालंकार ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुल रूपी जिस बगिया को लगाया था, आचार्य देवव्रत ने उसे अपने खून-पसीने से सींचकर आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। बिग्रेडियर डाॅ. प्रवीण कुमार ने सभी पूर्व छात्रों का स्वागत किया। पूर्व छात्र मिलन समारोह में 1992 से 2022 बैच तक के पूर्व छात्र गुरुकुल पहुंचे। इनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर में कार्यरत रंजन ठाकुर, दिल्ली से डाॅ. विकास खटकड़, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. देवेन्द्र सिंह, डाॅ. विकास कुमार, महेश ठाकुर, बृजेश कुमार आदि ने अपने अनुभव साझा किये।
ज्ञात रहे गुरुकुल में दो दिवसीय भव्य समारोह चल रहा, जिसमें रविवार 10 नवंबर को आर्य महासम्मेलन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत व प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शिरकत करेंगे।