रेवाड़ी, 29 मई (हप्र)
बावल क्षेत्र के गांव सांझरपुर स्थित बाबा हंसनाथ गौशाला में पानी व हरे चारे के अभाव में एक दर्जन से अधिक गौवंशों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। यहां रखे गए अन्य गौवंश भी मौत के ग्रास बन जाते, यदि एक गौ प्रेमी यहां नहीं पहुंचता। इस गौ प्रेमी ने यहां का जो नजारा देखा, उससे उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। गौशाला में जगह-जगह गौवंश मरे पड़े थे और शेष की हालात गंभीर बनी हुई थी। सूचना पाकर बावल थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
बावल बार एसोसिएशन के सदस्य व गांव साबन के निवासी चरण सिंह ने कहा कि उक्त गौशाला के लिए उन्होंने कुछ समय पूर्व 1.50 लाख रुपये का दान दिया था। बुधवार को वह भीषण गर्मी को लेकर गौवंश की हालात देखने गौशाला पहुंचा था। यहां भूख-प्यास से गौवंश जगह-जगह मृत पड़े थे और अन्य गौवंश अंतिम सांसें ले रहे थे।
हैरत की बात यह है कि इतने बुरे हालात में यहां न तो गौशाला का प्रधान और न ही संरक्षक व सदस्य दिखाई दिया। यदि वह यहां नहीं पहुंचते तो शायद एक भी गौवंश जीवित नहीं रहता। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि यहां न तो पीने का पानी और न ही हरा चारा उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि एक दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बेजुबान पशु यदि यहां बंदी नहीं होते तो अन्य पशुओं की तरह कहीं भी पेट भर सकते थे। उन्होंने फोन कर एंबुलेंस बुलाई और बीमार गौवंश को उपचार के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि गौंवश की मौत को लेकर प्रेमियों में भारी रोष है। उन्होंने फैसला लिया है कि वे इसकी लिखित शिकायत एसडीएम को देंगे और बावल थाना में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। यहां जीवित बचे गौवंश को अन्य गौशाला में शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी दी है। सूचना पाकर पुलिस अधिकारियों ने गौशाला का जायजा लिया है।