कैथल, 7 नवंबर (हप्र)
‘खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है। अल्लामा इकबाल का यह शेर गांव फरियाबाद निवासी नवदीप ढुल पर खरा उतरता है। बृहस्पतिवार को उन्होंने फतेहाबाद जिले में सामान्य सेवा एवं गृहरक्षी विभाग में बतौर कंपनी कमांडर ज्वाइन किया है। खास बात यह है कि दो साल में यह उनकी चौथी नौकरी है। नवदीप ढुल ने बताया कि सरकार की बिना खर्ची-बिना पर्ची नीतियों के कारण योग्य और पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार पाने में सहायता मिल रही है और पारदर्शिता के साथ बिना किसी भ्रष्टाचार के नौकरी मिल रही है। सरकार की यह नीति विशेषकर सरकारी नौकरियों में चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने का प्रयास है, जिससे कि केवल योग्य उम्मीदवार ही चुने जा रहे हैं।
नवदीप ने बताया कि उन्होंने अपनी 12वीं पढ़ाई कुरुक्षेत्र के गीता निकेतन आवासीय विद्यालय से पास की तथा स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से पास की। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की।
अब पिछले दो वर्ष के दौरान उन्होंने कई परीक्षाएं पास की। पहली बार उन्होंने वर्ष-2022 में डाक सहायक एवं उप निरीक्षक सीआरपीएफ की नौकरी पाई। इसके बाद वर्ष-2023 में पुलिस कांस्टेबल के तौर पर गुरुग्राम में ड्यूटी ज्वाइन की। उन्होंने पुलिस कांस्टेबल के अपने पद से त्याग पत्र देकर बतौर कंपनी कमांडर के पद पर नौकरी ज्वाइन किया।
‘पढ़ाई, मेहनत के बल पर हासिल किया मुकाम’
नवदीप ढुल के परिजनों ने सरकार की नीतियों व केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई नौकरियों में पारदर्शिता के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी व पूर्व सीएम मनोहर लाल द्वारा योग्यता के आधार पर नौकरी देना सराहनीय फैसला है। उन्होंने कहा कि युवा शिक्षा एवं मेहनत के बल पर कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं।